झारखंड: ‘किसी को ‘मियां-तियां’ या पाकिस्तानी कहना अपराध नहीं’, सुप्रीम कोर्ट ने कह दी ये बड़ी बात, कर दिया आरोपों से बरी…
Jharkhand: 'Calling someone 'Miyan-Tiyaan' or Pakistani is not a crime', Supreme Court said this big thing, acquitted him of the charges...

रांची। ‘किसी को ‘मियां-तियां’ या ‘पाकिस्तानी’ कहना अपराध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के एक मामले की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि यह भले ही गलत हो, लेकिन भारतीय दंड संहिता की धारा 298 के तहत धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के अपराध के बराबर नहीं है।
जस्टिस बीवी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने एक सरकारी कर्मचारी को ‘पाकिस्तानी’ कहने के आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला बंद करते हुए यह टिप्पणी की।सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी करते हुए 80 साल के बुजुर्ग के खिलाफ दर्ज केस को खारिज कर दिया है। झारखंड के बोकारो जिले के 80 साल के हरि नारायण सिंह पर उर्दू ट्रांसलेटर मो. शमीमुद्दीन ने आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया।
शमीमुद्दीन का कहना था कि- ‘हरि नारायण सिंह ने मुझे मियां-तियां और पाकिस्तानी कहा। उनकी बातों से मेरी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। इसके चलते उस व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 298 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान करना) और 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने अपना फैसला सुनाया।शीर्ष अदालत के अनुसार, आरोपी की ओर से ऐसा कोई कार्य नहीं किया गया जिससे शांति भंग हो सकती हो।
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि स्पष्ट रूप से अपीलकर्ता द्वारा कोई हमला या बल का प्रयोग नहीं किया गया, जिससे उस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) लगाई जा सके।