रांची। शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी मामले में DEO पुरेंद्र विक्रम शाही सहित तीन कर्मचारियों पर शिकंजा कस गया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो हजारीबाग के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान करते हुए मुख्यमंत्री ने पीई दर्ज करने की स्वीकृति दी है। ऐसे में माना जा रहा कि आरोपियों के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई हो सकती है। मामला कोडरमा की शिक्षक भर्ती का है। आरोप है कि फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षकों की भर्ती की गयी थी। यही नहीं विज्ञापन की शर्तों का भी उल्लंघन किया गया था।

ACB हजारीबाग ने 27 जून 2019 को इस मामले में कांड दर्ज किया था। मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने FIR के बाद विस्तृत जांच की जांच के लिए PE दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन मामला चार साल तक अटका रहा। इस दौरान एसीबी ने रिमाइंडर भी भेजा था, जिसके बाद सीएम सचिवालय एक्शन में आया और मुख्यमंत्री ने जांच का अनुमोदन कर दिया है। अब इस मामले में जल्द ही बड़ी कार्रवाई देखने को मिल सकती है।

जिला शिक्षा अधीक्षक सहित तीन आरोपियों के विरुद्ध पीई दर्ज करने का आदेश दिया है। जिसके बाद कोडरमा के तत्कालीन जिला शिक्षा अधीक्षक पुरेंद्र विक्रम शाही, DEO कार्यालय के प्रधान सहायक अजीत कुमार और सहायक धर्मेंद्र कुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जानकारी के मुताबिक क्षैतिज आरक्षण का लाभ शिक्षण कार्य के लिए जारी आवासीय प्रमाण पत्र के आधार पर देने और मेधा सूची में अंको की हेराफेरी कर चार अभ्यर्थियों का चयन किया है।

फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर प्रारंभिक या मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति हुई थी। वहीं विभागीय अनुमति के बिना परीक्षण में सम्मिलित हुए कुछ पारा शिक्षकों की भी नियुक्ति करने का इन आरोपियों पर आरोप है। यही नहीं विज्ञापन के निर्देशों के विपरीत नर्सरी शिक्षक प्रमाण पत्र के आधार पर प्रारंभिक और मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया गया।

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