झारखंड : IAS विनय चौबे पर बड़ा आरोप…शराब नीति में बदलाव कर सरकार को लगाया 38 करोड़ का चूना…जांच में जुटी ईडी!
Jharkhand: Big allegation on IAS Vinay Chaubey...cheated the government of Rs 38 crores by changing the liquor policy...ED engaged in investigation!

झारखंड शराब घोटाले में आईएएस विनय चौबे को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया. उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया है.
एसीबी ने जांच के दौरान पाया कि झारखंड सरकार की शराब नीति बदलवाने में विनय चौबे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. और सरकार को 38 करोड़ रूपए का नुकसान पहुंचा था.
राज्य की एजेंसी ने पहली बार किसी IAS को किया गिरफ्तार
बता दें कि झारखंड की इतिहास में यह पहली बार ऐसा हुआ है जब राज्य की एजेंसी ने एक पदेन वरीय आईएस अधिकारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा हो. मालूम हो कि बीते मंगलवार को एसीबी की टीम ने पूछताछ के लिए विनय कुमार चौबे और गजेंद्र सिंह को कार्यालय बुलाया. लंबी पूछताछ के दौरान दोनों के खिलाफ नई प्राथमिकी (09/25) दर्ज कर एसीबी(ACB) ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया.
भेजा गया होटवार जेल
दोनों को मेडिकल चेकअप कराया गया. इसके बाद दोनों आरोपियों को लेकर टीम एसीबी के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत में पेश किया गया. जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में लेते हुए तीन जून तक के लिए बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल होटवार भेज दिया गया. अदालत ने निर्देश दिया कि अगली पेशी जेल से वीडियो कॉन्फेंसिग के माध्यम से की जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से अनुमति के बाद राज्य में शराब घोटाला मामले में एसीबी झारखंड ने प्रारंभिक जांच (PE) दर्ज की थी. पीई में एसीबी को यह सबूत मिले कि उत्पाद विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन हुआ और उन्हें अनैतिक लाभ पहुंचाया गया.
राज्य सरकार को लगाया करोड़ो का चुना
इससे झारखंड सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा. इसके बाद ही एसीबी ने मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग से अनुमति लेकर 20 मई यानि मंगलवार को रांची थाना कांड संख्या 09/2025 में शिकायत दर्ज की. इसमें उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव सह जेएसबीसीएल के तत्कालीन प्रबंध निदेशक तथा संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व अन्य को आरोपित बनाया गया है.
क्या है दर्ज प्राथमिकी में?
बता दें कि दर्ज प्राथमिकी में अनुसार बताया गया कि विनय चौबे और गजेंद्र सिंह ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन में निर्धारित मापदंड प्रक्रिया का पालन नहीं किया. आपराधिक साजिश रची. जालसाजी कर प्लेसमेंट एजेंसी को अनैतिक फायदा पहुंचाया. जिससे राज्य सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
मालूम हो कि प्राथमिकी भादवि की धारा120बी, 420,467,468, 471,109 (बीएनएस की धारा 61(2), 318, 336, 340,316,45) इसके अलावे भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7(सी) 12,13(2) और पठित धारा 13(1) (ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
विनय चौबे ये पद संभाल चुके हैं
गौरतलब है कि आईएएस अधिकारी विनय चौबे राज्य में कई पद संभाल चुके हैं. 1999 बैच के आईएएस अधिकारी, विनय चौबे सीएम हेमंत के प्रधान सचिव रह चुके है.
झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, उपायुक्त हजारीबाग पलामू, रांची, रांची नगर निगम के सीईओ, नगर विकास सचिव, झारखंड आवास बोर्ड के एमडी और वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव भी है.