झारखंड हाईकोर्ट का ट्रेडमार्क विवाद में अहम आदेश, मामला फिर से सुनवाई के लिए लौटा

Jharkhand High Court's important order in trademark dispute, case returned for hearing again

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने ट्रेडमार्क विवाद में दिया अहम आदेश

रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने ट्रेडमार्क विवाद से जुड़े मामले में बड़ा आदेश पारित किया है। चीफ जस्टिस तरकोल सिंह चौहान और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने जमशेदपुर के लोअर कोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए मामले की फिर से सुनवाई करने का निर्देश दिया।

कोर्ट का निर्देश: अदालत ने स्पष्ट किया कि कॉमर्शियल विवाद के मामलों में, जिनकी कीमत तीन लाख से एक करोड़ रुपये तक हो, उनकी सुनवाई का अधिकार सिविल जज (सीनियर डिवीजन) को है।

मामले का विवरण: यह आदेश खेमका फूड प्रोडक्ट्स की अपील याचिका पर आया। कंपनी का दावा है कि वह वर्ष 2001 से “गृहस्थी भोग” नाम से आटा बेच रही है और 2005, 2012 और 2014 में इसके लिए ट्रेडमार्क आवेदन भी किया गया था।

विवाद की शुरुआत: फरवरी 2023 में कंपनी को पता चला कि एक अन्य कंपनी भी इसी नाम से आटा बेच रही है। खेमका फूड प्रोडक्ट्स ने नोटिस भेजा और अप्रैल 2023 में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जमशेदपुर में मध्यस्थता के लिए आवेदन किया। मध्यस्थता असफल होने पर अगस्त 2023 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन), जमशेदपुर की अदालत में याचिका दायर की गई।

लोअर कोर्ट की स्थिति: सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष ने आपत्ति जताई कि यह मामला सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और इसे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश या न्यायायुक्त की अदालत में सुनवाई करनी चाहिए। लोअर कोर्ट ने मामले को दूसरी अदालत में भेजने का आदेश दिया।

हाईकोर्ट का निर्णय: खेमका कंपनी ने लोअर कोर्ट के आदेश को चुनौती दी। हाईकोर्ट ने खेमका कंपनी की दलील स्वीकार की और कहा कि राज्य सरकार ने 2021 में सिविल जज (सीनियर डिवीजन) को कॉमर्शियल कोर्ट घोषित किया है। इसलिए मामला वहीं सुना जाएगा।

Related Articles