झारखंड: लड़की बंगाल की…जाति प्रमाण पत्र गोड्डा का, फर्जी सर्टिफिकेट पर सुचारिता बनना चाहती थी डाक्टर, एडमिशन के दौरान आयी पकड़ में…

Jharkhand: Girl from Bengal...caste certificate from Godda, Sucharita wanted to become a doctor using fake certificate, caught during admission...

धनबाद। मेडिकल स्टूडेंट के फर्जी सर्टिफिकेट ने सनसनी मचा दी है। मामले का खुलासा तब हुआ, जब सर्टिफिकेट की जांच में प्रमाण पत्र फर्जी मिला। जानकारी के मुताबिक शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज में ये मामला सामने आया है। यहां एसटी (अनुसूचित जनजाति) कोटे से एमबीबीएस में नामांकन के लिए पहुंची छात्रा सुचारिता दत्ता का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि छात्रा द्वारा जमा किया गया शपथ पत्र भी जाली था।

 

फर्जी दस्तावेज से प्रवेश लेने की कोशिश

मामले के खुलासे के बाद कॉलेज प्रशासन ने छात्रा का नामांकन रद्द कर दिया है और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।जानकारी के अनुसार, 8 नवंबर को सुचारिता दत्ता नाम की एक छात्रा ने एसटी कोटे से नामांकन के लिए कॉलेज में आवेदन किया था। नामांकन प्रक्रिया के दौरान जब उसने जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया, तो दस्तावेज देखकर कॉलेज प्रशासन को उसकी सत्यता पर संदेह हुआ।

 

 

इस पर कॉलेज प्रबंधन ने उससे शपथ पत्र (अफिडेविट) मांगा, जिसमें उसे यह लिखना था कि यदि उसका प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया तो उसका नामांकन रद्द किया जा सकेगा। छात्रा ने यह शपथ पत्र गोड्डा सीओ कार्यालय से जारी होने का दावा करते हुए जमा किया।

 

जांच में खुली पोल — दोनों दस्तावेज फर्जी

कॉलेज प्रशासन ने संदेह दूर करने के लिए जाति प्रमाण पत्र और शपथ पत्र दोनों को गोड्डा अंचल अधिकारी (सीओ) कार्यालय भेजकर सत्यापन की मांग की।कुछ ही दिनों में गोड्डा सीओ कार्यालय से ईमेल के माध्यम से रिपोर्ट आई, जिसमें स्पष्ट कहा गया कि —“छात्रा द्वारा प्रस्तुत किया गया जाति प्रमाण पत्र और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट द्वारा जारी बताया गया शपथ पत्र — दोनों फर्जी और अमान्य हैं।”इस रिपोर्ट के बाद कॉलेज प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए छात्रा का नामांकन तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिया।

 

कॉलेज प्रशासन ने की कार्रवाई की पुष्टि

मेडिकल कॉलेज के छात्र शाखा प्रभारी प्राध्यापक डॉ. गणेश कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया —“सुचारिता दत्ता का जाति प्रमाण पत्र शक के घेरे में था। सत्यापन के बाद दोनों दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। इसलिए उसका नामांकन रद्द कर दिया गया है। अब उसके खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”उन्होंने आगे कहा कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन इस मामले में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा और दोषी को कानून के अनुसार सजा दिलाई जाएगी।

 

छात्रा पश्चिम बंगाल की रहने वाली, दावा गोड्डा जिले से

जांच में यह भी सामने आया कि छात्रा की पढ़ाई पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले से हुई थी, लेकिन उसने अपना जाति प्रमाण पत्र झारखंड के गोड्डा जिले से जारी होने का दावा किया था। इससे प्रशासन को और अधिक संदेह हुआ।

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