झारखंड: बेटे के शव को थैले में ले जाने मामले में बड़ा खुलासा, SDO की जांच रिपोर्ट ये जानकारी आई, DC को सौंपी गई रिपोर्ट
Jharkhand: Major revelation in the case of carrying son's body in a bag, this information came out in the SDO's investigation report, report submitted to DC

Jharkhand News: बच्चे के शव को झोले में ले जाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। SDO को जांच का आदेश दिया गया था, जांच कई नए तथ्य भी सामने आए है। खुलासा ये भी है कि बच्चे की उम्र 4 साल बताई जा रही थी,लेकिन हक़ीक़त में बच्चे की उम्र 4 माह थी।
आपको बता दे कि चाईबासा सदर अस्पताल में बच्चों की मौत के बाद पिता को एंबुलेंस नहीं मिलने की शिकायत थी, जिसके बाद बच्चों के पिता ने शव को झोले में डालकर बस के जरिए घर ले गया। मामले की जानकारी सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने भी जांच के आदेश दिए थे।
स्वास्थ्य मंत्री के आदेश के बाद उपायुक्त चंदन कुमार ने मामले की जांच का जिम्मा सदर अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुरोग टोपनो को दिया था। एसडीओ ने सदर अस्पताल पहुंचकर जांच की और अपनी रिपोर्ट डीसी को दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार मृत बच्चा 4 साल का नहीं बल्कि चार माह का था। मृतक की पहचान कृष्णा के रूप में हुई है, जो नोवामुंडी थाना क्षेत्र के बालजोड़ी गांव का रहने वाला था।
जानकारी के मुताबिक 18 दिसंबर की शाम 5:00 बजे बुखार और दस्त की शिकायत को लेकर बच्चों को सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया था। जांच में बच्चा मलेरिया पॉजिटिव मिला, बच्चों की स्थिति गंभीर थी। इसलिए उसे जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल में रेफर करने का करने की सलाह दी गई, लेकिन बच्चों के पिता ने बाहर ले जाने से इनकार कर दिया।
इसी दौरान 19 दिसंबर को दोपहर करीब 1:00 बजे बच्चों की मौत हो गई। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि अस्पताल प्रशासन ने शव वाहन की व्यवस्था करने का प्रयास किया, लेकिन पता चला कि एक वाहन मनोहरपुर में है, जबकि दूसरा दुर्घटनाग्रस्त है। मनोहरपुर से वाहन को लौटाने में 3 घंटे से ज्यादा का समय लग गया।
अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे के पिता को शव वाहन के आने तक इंतजार करने को कहा गया, लेकिन शाम 4:30 बजे जब शव वाहन वापस अस्पताल लौटा तो पिता की तलाश की गई, लेकिन तब तक पिता शव को लेकर निकल चुका था। अस्पताल प्रबंधन ने यह भी दावा किया है कि हड़बड़ी में पिता शव को थैली में डालकर निकल गया।
जांच में यह भी बात सामने आई है कि पिता के पास फोन नहीं था, जिसके कारण उनसे संपर्क नहीं किया जा सका। अब रिपोर्ट के बाद डीसी इस पूरे मामले में जांच के बाद जिम्मेदार पर निर्णय लेंगे। माना जा रहा है कि सोमवार को इस संदर्भ में डीसी की तरफ से कुछ निर्णय लिया जा सकता है।

















