Jharkhand: आयुष्मान भारत में हुआ बड़ा खेल,पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता तक पहुंची…., ED की छापेमारी से राजनीति गरम, कई अधिकारी और सफेदपोश तक…
Jharkhand: Big game happened in Ayushman Bharat, reached former minister Banna Gupta…, politics heated up due to ED raid, many officers and white collar workers were shocked

Jharkhand ED Raid: ईडी की छापेमारी से झारखंड की राजनीति गरम हो गई है। आज सुबह से कई स्थानों पर एक साथ हो रही छापेमारी से हड़कंप मचा हुआ है। आशंका ये जताई जा रही थी कि कई सफेदपोश तक इसकी जांच पहुंच सकती है। आयुष्मान भारत से जुड़े मामले में जांच की आंच अब पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता तक पहुंच गई है।जैसे जैसे जांच आगे बढ़ेगी वैसे ही आशंका जताई जा रही है कि कई सफेदपोश और अधिकारी इसमें शामिल हो सकते हैं।
सलाहकार और कंपनियों के पूर्व अधिकारी जांच के दायरे में
ईडी के मुताबिक, छापेमारी उन लोगों और संगठनों पर की जा रही है जो इस कथित धोखाधड़ी नेटवर्क का हिस्सा थे. सलाहकार और संबंधित कंपनियों के पूर्व अधिकारी इसमें शामिल हैं. इसमें झारखंड राज्य आरोग्य सोसाइटी (JSAS) से जुड़े अधिकारी और सलाहकार, थर्ड पार्टी प्रशासकों (TPA) जैसे MD इंडिया, सेफवे, मेडी असिस्ट के कर्मचारी और कार्यालय, झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के निजी सचिव ओम प्रकाश सिंह उर्फ गुड्डू सिंह शामिल है.
कहां कहां ही रही है छापेमारी
राजधानी रांची से लेकर लौहनगरी जमशेदपुर तक ईडी की हलचल देखी जा रही है. यह छापेमारी आयुष्मान भारत योजना में हुई गड़बड़ी मामले में की जा रही है. ईडी की टीम सुबह से ही रांची के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातू, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी में छापेमारी कर रही है.
ईडी की टीम बन्ना गुप्ता के सचिव के आवास पर
सुबह 6 बजे से ईडी की सात सदस्यीय टीम जमशेदपुर के मानगो स्थित नीलगिरी अपार्टमेंट में पहुंची जहां पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आप्त सचिव ओम प्रकाश उर्फ गुड्डू सिंह का आवास है. प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवर्तन निदेशालय के अधिकारी उनके आवास में फाइल खंगाल रहे हैं और उनसे पूछताछ भी कर रहे हैं.
दरअसल आयुष्मान भारत योजना में हुई गड़बड़ी के मामले में भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) संसद में पेश की गयी थी. इसके बाद ईडी ने इसीआईआर दर्ज की थी. सीएजी की रिपोर्ट में झारखंड में आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने का उल्लेख किया गया था. इसमें मुर्दों का इलाज करने सहित अन्य प्रकार की गड़बड़ी का भी उल्लेख था.
बड़ा फर्जीवाड़ा: मरीज को बिना भर्ती किए निकाले पैसे
इस फर्जीवाड़े के संबंध में स्वास्थ्य सचिव से कई महत्वपूर्ण जानकारी मांगी गई थी। जिसके बाद ईडी ने अपनी कारवाई तेज कर दी।पैसे लेकर आयुष्मान लाभार्थियों का इलाज करने और मरीज को भर्ती किए बगैर आयुष्मान के तहत भुगतान लेने के भी कई आरोप लगे हैं।
मामले को लेकर सरकार की ओर से संचालित 104 सेवा और अन्य जांच तंत्रों से बात कर जब इन अस्पताल संचालकों द्वारा बताए गए मरीजों के इलाज की जानकारी ली गई तो सारे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. जबकि 89 अस्पतालों से करीब एक करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया. 250 से अधिक अस्पतालों को शो कॉज भी किया गया. वहीं एक अस्पताल संचालक पर प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई.
मृत व्यक्तियों के नाम पर भी निकाले पैसे
ईडी की जांच में पता चला है कि बड़े बड़े अधिकारी की मदद से इस फर्जीवाड़े में आयुष्मान भारत योजना के तहत अवैध रूप से अर्जित धन की लूट शामिल थी. इसमें अस्पतालों के पैनल में हेरफेर, फर्जी दावों की प्रक्रिया, कमीशन और रिश्वत का एक संगठित नेटवर्क शामिल था. जैसे-फर्जी मरीजों के नाम पर दावे प्रस्तुत करना, मरीजों को भर्ती किए बिना फर्जी भुगतान प्राप्त करना, अस्पतालों और बीमा कंपनियों के बीच मिलीभगत, मृत व्यक्तियों को भी इलाज के लिए सूचीबद्ध करना.