Jharkhand: 27 teachers including 14 women teachers will be dismissed, asking for leave from election duty was costly, para teacher, assistant teacher, teacher and BRC will be employed.

पाकुड़/रांची। सरकारी कर्मचारी चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए नये-नये बहाने बनाते हैं, लेकिन इस बार उनकी बहानेबाजी बर्खास्तगी तक पहुंच गयी है। पाकुड़ में 30 कर्मचारियों की बर्खास्तगी की अनुशंसा उपायुक्त ने की है। अब चर्चा है कि पाकुड़ के बाद अन्य जिलों में भी चुनाव ड्यूटी से भागने के लिए बहानेबाजी करने वाले अफसरों व कर्मचारियों की कुंडली तैयार हो रही है। चर्चा है कि जल्द ही कि अन्य जिलों से भी चुनाव ड्यूटी से छूट के लिए आवेदन लगाने वालों की जांच होगी और उनके खिलाफ एक्शन होगा। दरअसल पाकुड़ डीसी की कार्रवाई ने कर्मचारियों में कोहराम मचा दिया है। दरअसल चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए आवेदन लगाने वाले 30 कर्मचारियों-अधिकारियों की अनिवार्य सेवानिवृति का आदेश दे दिया है।

उपायुक्त ने जिले के 30 कर्मचारियों को बर्खास्त करने का प्रस्ताव संबंधित विभागों को भेज दिया है। साथ ही चार सप्ताह के भीतर संबंधित विभागों से रिपोर्ट भी तलब की है। इसका मतलब साफ है कि कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई तो तय है। दरअसल चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों-अधिकारियों ने आवेदन निर्वाचन कार्यालय में जमा कराया था। जिन कर्मचारियों ने चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए आवेदन लगाया था, उनमें से ज्यादातर शिक्षक है। जिन शिक्षकों के खिलाफ बर्खास्तगी की अनुशंसा भेजी गयी है, उनमें भी 90 फीसदी शिक्षक व शिक्षा विभाग के ही कर्मचारी है। जाहिर है शिक्षा विभाग में इस कार्रवाई से खौफ ज्यादा बढ़ गया है।

दरअसल मतदानकर्मियों के आवेदनों में बड़ी संख्या में स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर चुनाव कार्य से मुक्त करने की मांग की गयी थी। जिसके बाद उपायुक्त ने एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया, जिसमें सभी आवेदकों की फिटनेस जांच करायी गयी। फिटनेस चेक में 30 कर्मचारी अनफिट पाये गये हैं, इन कर्मचारी-अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृति का निर्देश दिया है। पत्र में उपायुक्त पाकुड़ ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया है कि अनफिट अधिकारी-कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृति का प्रस्ताव तैयार कर एक माह के भीतर डीसी के सामने प्रस्तुत करें।

30 अनफिट कर्मचारियों में 27 शिक्षक

जानकारी के मुताबिक पाकुड़ जिले में ही 50 के करीब आवेदकों ने अलग-अलग कारणों से चुनाव कार्य से छूट की मांग की थी। जिन आवेदकों ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला देकर छुट्टी मांगी थी, उनकी जांच के लिए डीसी ने एक जांच टीम गठित की थी। मेडिकल बोर्ड ने जांच के दौरान 30 कर्मचारियों को अनफिट पाया गया। अनफिट कर्मचारियों की बात करें तो इनमें से 27 शिक्षक व शिक्षा विभाग के कर्मचारी है, जिनमें से 14 महिला शिक्षिका शामिल है। शिक्षकों की बात करें तो 10 सहायक शिक्षक, 5 पारा टीचर व बीआरसी सहित 11 शिक्षक हैं। जबकि एक आरआई, 1 इंजीनियर, एक चपरासी और एक स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं।

डीसी ने माना- शासकीय कार्य के योग्य नहीं

उपायुक्त ने विभागों को भेजे निर्देश में कहा है कि मेडिकल चेकअप में कई कर्मचारियों को अयोग्य पाया गया है। जाहिर ये सभी कर्मचारी शासकीय कार्यों के लिए भी अनफिट होंगे। लिहाजा, ये माना जा सकता है कि ये कर्मचारी बिना काम किये ही वेतन की राशि आहरण कर रहे हैं। इन अनफिट कर्मचारियों की वजह से बेवजह ही सरकारी खजाने पर भार पड़ रहा है, जो स्वीकार्य नहीं है।

30 कर्मचारियों के बर्खास्तगी के आदेश

जिन विभागों के कर्मचारियों को अनफिट माना गया है, उनमें से अधिकांश शिक्षा विभाग के कर्मचारी हैं। उपायुक्त ने कहा है कि मेडिकल बोर्ड ने इन कर्मचारियों को अयोग्य माना है, जिनके विरुद्ध नियमानुसार अनिवार्य सेवानिवृति का प्रस्ताव पत्र प्राप्ति के चार सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

आदेश का हो रहा विरोध

इस आदेश का राज्य भर में विरोध भी हो रहा है। सोशल मीडिया में भी अलग अलग संगठन द्वारा इस आदेश पर विचार करने की मांग की गई है।परंतु अब तक किसी तरह का संशोधन इस आदेश में जारी नही किया है।

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