रांची। ED के हत्थे चढ़े मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल का सस्पेंशन आर्डर आज कभी भी जा हो सकता है। दरअसल संजीव लाल व उनके नौकर जहांगीर आलम को मंगलवार को ही ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने दोनों को छह दिनों की रिमांड पर भेजा है। नियम के मुताबिक जब कोई भी शासकीय कर्मचारी या अधिकारी 24 घंटे से ज्यादा वक्त तक जेल में होता है, तो उसे विभागीय तौर पर सस्पेंड कर दिया जाता है। जाहिर है राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर संजीव लाल को सस्पेंड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कार्रवाई से संबंधित फाइल कार्मिक विभाग ने बढ़ा दी है।

वैसे भी मौका चुनावी है और हेमंत प्रकरण के बाद से भ्रष्टाचार में घिरी झारखंड सरकार चुनाव के पहले भ्रष्टाचार के मुद्दे पर और जोखिम लेना नहीं चाहती है, लिहाजा संजीव लाल को सस्पेंड करने में सरकार थोड़ा भी विलंब नहीं करेगी। जानकारी के मुताबिक आज कल में ही मुख्यमंत्री सचिवालय से इस संदर्भ में कार्मिक को हरी झंडी दे दी जायेगी। वैसे भी चर्चा है कि सीएम चंपाई सोरेन इस पर जल्द ही फैसला ले लेंगे।

रांची में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में बरामद करोड़ों रुपए के कैश के बाद कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आ रही हैं। मनी ट्रांजैक्शन के मामले में पूरा ग्रामीण विकास विभाग लगा हुआ है। इस विभाग के मंत्री आलमगीर आलम हैं। विभाग में ग्रामीण विकास की योजनाओं पर 15 फीसदी तक का कमीशन फिक्स था। जाहिर है इस मामले में आंच कई बड़े अधिकारी व मंत्री तक भी जा सकती है।

अभी तक की जानकारी में ईडी को मालूम चला था कि कमीशन की वसूली से लेकर बंटवारे तक में एक सिस्टम काम कर रहा था। यह तमाम जानकारी ED ने अपने रिमांड पिटीशन में स्पेशल कोर्ट को बताया है। सोमवार को हुई छापेमारी और मिली जानकारी के आधार पर ED ने मंगलवार को भी छापेमारी की। यह छापेमारी चार जगहों पर चली। रांची में मिला करोड़ो का कैश अनूठा है। देश में ये पहला ऐसा मामला है, जब किसी अधिकारी के नौकर के घर से 35 करोड़ कैश मिले हों।

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