रांची : दारोगा पद पर नियुक्ति मामले में आरक्षण के लिए अपने ऑनलाइन आवेदन में दिए गए बीसी-2 कैटेगरी का सर्टिफिकेट नहीं देने की वजह उन्हें सामान्य कैटेगरी में माने जाने और उनका चयन नहीं होने को लेकर जिज्ञासा गुप्ता की अपील की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को हुई. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन का पक्ष जानने के बाद प्रार्थी की अपील को खारिज कर दिया. कोर्ट ने एकल पीठ के आदेश को बरकरार रखा.

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि झारखंड संयुक्त पुलिस अवर निरीक्षक प्रतियोगिता परीक्षा 2017 में दरोगा पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन संख्या 5/ 2017 झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन निकाला था. प्रार्थी ने ऑनलाइन आवेदन में आरक्षण का लाभ लेने के खुदको बीसी -2 कैटेगरी में डिक्लेअर किया था. बाद में उनका चयन जेएससीसी द्वारा कर लिया गया था.

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के दौरान जब उन्हें बुलाया गया तो उन्होंने अपना कैटेगरी सर्टिफिकेट बीसी -2 का नहीं दिया. उन्होंने बीसी -1 का सर्टिफिकेट दिया. उनकी ओर से कहा कि ऑनलाइन आवेदन में उनकी ओर से गलती से बीसी -2 कैटेगरी भरा गया था. जेएसएससी ने उनकी इस बात को नहीं माना और उन्हें सामान्य श्रेणी में मानते हुए उनको चयनित नहीं किया. जिसके खिलाफ प्रार्थी ने हाईकोर्ट की एकल पीठ में याचिका दाखिल की जिसमें कहा कि उन्हें बीसी -1 में कंसीडर नहीं किया गया. गलती सेउन्होंने आरक्षण के लिए बीसी – 2 भर दिया था.

एकल पीठ ने प्रार्थी की याचिका खारिज कर दी थी. जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट की खंडपीठ में एलपीए दाखिल की थी. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने प्रार्थी को राहत नहीं देते हुए उनकी अपील को खारिज कर दिया. खंडपीठ ने कहा विज्ञापन के शर्त के अनुसार एक बार कैटेगरी भरे जाने के बाद सलेक्शन के अंतिम प्रोसेस में इसमें सुधार नहीं किया जा सकता है. जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पीपर वाला पिपरवाल एवं प्रिंस कुमार ने पैरवी की।

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