Dr. Mallika Nadda: स्पेशल ओलंपिक्स भारत की अध्यक्ष डॉ. मल्लिका नड्डा को तीन साल की अवधि के लिए एक और महत्वपूर्ण दायित्व मिला है। उन्हें स्पेशल ओलंपिक्स एशिया पैसिफिक ने सलाहकार परिषद (एडवाइजरी काउंसिल) की अध्यक्ष नियुक्त किया है। बता दें कि डॉ. मल्लिका नड्डा पिछले 30 साल से ज्यादा समय से दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। अब वह एशिया पैसिफिक रीजन के 35 देशों का प्रतिनिधित्व करेंगी।

1991 में बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के साथ विवाह के बाद उन्होंने बिलासपुर में चेतना संस्था की नींव रखी थी। यह संस्था दिव्यांगजनों के साथ ही महिला सशक्तीकरण एवं युवाओं के व्यक्तित्व विकास की दिशा में भी कार्यरत है।

वर्ष 1999 में बिलासपुर की 10 पंचायतों से शुरू हुई यह संस्था आज 150 से ज्यादा पंचायतों में काम कर रही है। इस संस्था के साथ डॉ. मल्लिका ने कई समाज सुधार के काम किए। जिसके लिए वर्ष 2010 में उन्हें राजीव गांधी मानव सेवा अवार्ड से अपने अतुल्य प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया।डॉ. मल्लिका ने वर्ष 2021 में स्पेशल ओलंपिक भारत के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी।

जेपी नड्डा और मल्लिका नड्डा का जीवन परिचय (Biography of JP Nadda and Mallika Nadda)

नड्डा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव थे। वे हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद भी थे। ब्राह्मण परिवार में जन्मे नड्डा का विवाह 1991 में डॉ. मल्लिका से हुआ और उनके दो बच्चे हैं। जेपी नड्डा की सास श्रीमती जयश्री बनर्जी मध्य प्रदेश के जबलपुर से लोकसभा सांसद रेह चुकी हैं। वहीं उनकी पत्नी भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की सदस्य थी। मल्लिका 1988 से 1999 तक एबीवीपी की राष्ट्रीय महासचिव भी थे। वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इतिहास की प्रोफेसर हैं।

1975 में जेपी नड्डा जयप्रकाश नारायण (जेपी) आंदोलन का हिस्सा बने और अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने एबीवीपी में शामिल होकर छात्र राजनीति में प्रवेश किया। तब उनके पिता पटना विश्वविद्यालय के वाइस-चान्सेलर थे। 1977 में, एबीवीपी के टिकट पर, उन्होंने पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव के रूप में चुनाव जीता। वह एबीवीपी के दिन-प्रतिदिन के कामकाज में शामिल हो गए और विभिन्न पदों पर काम किया। नड्डा ने हिमाचल प्रदेश से लोकसभा का चुनाव लड़ा और तीन बार जीत हासिल की। इस दौरान वे हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मंत्री भी रहे। 2012 में उन्होंने राज्यसभा चुनाव लड़ा और परिवहन, पर्यटन और संस्कृति समितियों के सदस्य बने। 2014 की नरेंद्र मोदी सरकार में वह स्वास्थ्य मंत्री बने और 2019 तक सेवा की।

नड्डा को जून 2019 में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया गया था तब अमित शाह भाजपा प्रमुख थे। 20 जनवरी, 2020 को उन्हें भारतीय जनता पार्टी का 11वां राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया।1987 में सरकार विरोधी अभियान चलाने के लिए नड्डा 45 दिनों के लिए जेल भी गए। उन दिनों उन्होंने राष्ट्रीय कांग्रेस मोर्चा की स्थापना की थी। 1989 के लोकसभा चुनाव के दौरान, उन्हें भाजपा की युवा शाखा के चुनाव प्रभारी के रूप में एक बड़ी जिम्मेदारी प्रदान की गई और 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने।

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