जनसेवक संघ ने राजभवन के समक्ष दिया धरना…कहा जल्द पूरी करे लंबित मांग अन्यथा होगा उग्र आंदोलन …सौंपा मांग पत्र

रांची झारखण्ड राज्य जनसेवक संघ के बैनर तले पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार 10.10.2022 (सोमवार) को पूरे झारखण्ड राज्य के जनसेवक राजभवन झारखण्ड के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। धरना कार्यक्रम जनसेवक संवर्ग के सभी लंबित मांगों से झारखण्ड सरकार को पुनः अवगत कराने के लिए किया गया । उक्त धरना कार्यक्रम में पुरे झारखण्ड के सभी 24 जिलों के सैकड़ों जनसेवकों और संघ के सभी जिला और प्रांतीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया ।

मालूम हो कि झारखंड सरकार के सकारात्मक रुख के बावजूद अब तक जनसेवकों की वर्षों से लंबित मांगे अभी तक पूरा नहीं की गई हैं। इस कारण जनसेवक संवर्ग में काफी रोष व्याप्त है। राज्यभर से आए जनसेवक ने धरना के दौरान पुनः एक स्वर में जनसेवकों की सभी लंबित मांगों को अविलंब पूरा करने की मांग की। मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में राज्य के जनसेवक भविष्य में संघर्ष करने और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए बाध्य होंगे।

झारखण्ड राज्य जनसेवक संघ ने सरकार के समक्ष कृषि और कृषको के हित मे अपनी निम्नलिखित माँगें रखीं हैं :-
- जनसेवक नियुक्ति नियमावली-2012 एवं सरकार के घोषणा पत्र के आधार पर जनसेवकों की संपूर्ण सेवा कृषि विभाग को सौंपी जाय तथा अविलंब राज्य के सभी जनसेवकों का DDO/निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को परिवर्त्तित कर जिला कृषि पदाधिकारी / अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी किया जाए ।
- 2012 में नियुक्त जनसेवकों को राज्य स्तरीय वरीयता सूची में शामिल करते हुए वरीयता सूची को अद्यतन कर 10/12 वर्ष से अधिक सेवा पूर्ण कर चुके सभी जनसेवकों को कृषि शस्य के अतिरिक्त कृषि ,पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के अन्य सभी पर्यवेक्षकीय पदों यथा प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं समकक्ष पर प्रोन्नति का लाभ दिया जाए । विदित हो की पिछले 10 वर्षों से राज्य के विभिन्न जिलों में जनसेवक उक्त पदों पर सफलतापूर्वक प्रतिनियुक्त हैं ।
- जनसेवक संवर्ग का पद नाम बदलकर “कृषि प्रसार पर्यवेक्षक” रखा जाय ताकि पदनाम से कार्य की प्रवृत्ति का पता चल सके ।
- जनसेवकों पर गैर कृषि कार्यों के लिए की गई कार्रवाई अविलंब निरस्त की जाए ।
- जनसेवकों को पूर्व की भांति नवीन कृषि तकनीकि प्रशिक्षण यथा कृषि डिप्लोमा/Post Graduate Diploma in Agricultural Extension Management (PGDAEM) का कोर्स उपलब्ध कराया जाय। साथ ही पूर्व की भाँति जनसेवकों को B.Sc. (Agri) की पढ़ाई की व्यवस्था की जाए ।
- जनसेवकों को विभागीय तथा JPSC सीमित परीक्षा में शामिल होने की पुनः स्वीकृति दी जाय । साथ ही आगामी परीक्षाओं में जनसेवकों को उच्चस्तरीय वेतनमान के सभी पर्यवेक्षकीय पदों (यथा- प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, प्रखण्ड सांख्यिकी पर्यवेक्षक, प्रखण्ड पंचायत राज पदाधिकारी, प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी, सहायक गोदाम प्रबंधक, प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी/ पर्यवेक्षक इत्यादि) पर अनुभव एवं उम्र का लाभ देते हुए पद आरक्षित किये जाए । विदित हो की पिछले 10 वर्षों से राज्य के विभिन्न जिलों में जनसेवक उक्त पदों पर सफलतापूर्वक प्रतिनियुक्त हैं ।
- झारखण्ड राज्य में भी बिहार / उतर-प्रदेश के तर्ज पर कृषि शिक्षा परिषद का गठन तथा झारखंड राज्य के विद्यार्थियों के लिए इंटरमीडिएट स्तर पर कृषि विज्ञान को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए ।
धरना कार्यक्रम के दौरान जनसेवक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार, प्रांतीय महामंत्री लोकेश कुमार, मुख्य समन्वयक संतोष कुमार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामनाथ यादव, प्रांतीय कोषाध्यक्ष लव कुमार पासवान, प्रवक्ता उपेन्द्र कुमार सिंह, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय अध्यक्ष दिलीप यादव, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडलीय अध्यक्ष रविन्द्र बड़ाईक, पलामू प्रमण्डल अध्यक्ष सहित सभी जिलों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांगों के समर्थन में अपने विचार रखे। तत्पश्चात झारखण्ड राज्य जनसेवक संघ के प्रतिनिधि मण्डल ने राज्यपाल झारखण्ड को अपना माँग पत्र समर्पित किया।
