जमशेदपुर : कभी डब्बा स्कूल के नाम से चर्चित रहा टाटा वर्कर्स यूनियन उच्च विद्यालय कदमा और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है। यह संभव हो पाया है वहां के कार्यरत शिक्षिका शिप्रा मिश्रा की बदौलत ।उनके पढ़ाने के तरीके ने इस स्कूल को राष्ट्रीय फलक तक पहुंचाया। उनके पढ़ाने के ढंग को लेकर उन्हें आज राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दिल्ली राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें झारखंड की राज्यपाल रही और वर्तमान में देश की राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने उन्हें सम्मानित किया।

ऐसे पढ़ाई को बनाया रोचक

शिप्रा मिश्रा के मुताबिक उन्होंने इनोवेटिव क्रिएटिव तरीके से बच्चे को पढ़ाना शुरू किया। विज्ञान जैसे कठिन विषय को उन्होंने बच्चों के लिए खेल का विषय बना दिया। गणित के ज्यामिति के जटिल चैप्टर को बागवानी व पेड़ों की घेराबंदी कर आसान बना दिया। यूज्ड प्लास्टिक बोतल से स्कूल प्रांगण में स्थित बागवानी की चारदीवारी बना दी। उनकी इसी अलग सोच इनोवेटिव आइडिया ने इस मुकाम तक उन्हें पहुंचाया है।

पेड़ों का क्यू आर कोड बनाया

विज्ञान को अलग नजरिए से देखने और समझने वाली शिप्रा मिश्रा ने डिजिटल प्लेटफॉर्म का बखूबी इस्तेमाल किया। बच्चों को मोबाइल का सदुपयोग सिखाया। उन्होंने प्रकृति और विज्ञान को समायोजित करने का काम किया। शिप्रा मिश्रा ने बताया कि वह देखती थी कि लोग स्कैन कोड, बारकोड ,क्यूआर कोड का उपयोग केवल पेमेंट के लिए करते हैं। जबकि इसके व्यापक आयाम है। शिप्रा ने अपने स्कूल में लगे पेड़ पौधे के रहस्य को क्यों यार कोड में तब्दील कर दिया। उन्होंने सभी पेड़ो की विशेष जानकारी का एक qr-code बना दिया ।अब कोई बच्चा उस कोड को स्कैन करके पेड़ के बारे में पूरी जानकारी गुण, प्रजाति, प्राप्त कर सकता है। इसी तरह उन्होंने ज्यामिति के अलग-अलग आकार को रोचक बनाने के लिए अलग अलग आकृति बगान में बनवाई उनका भी qur कोड बना दिया।

शिप्रा मिश्रा को मिल चुके हैं यह सम्मान

2020 में एनएमएल द्वारा बेस्ट साइंस टीचर अवार्ड

2019 में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान

2017 में रोटरी क्लब की ओर से वर्ष सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान

इनरव्हील क्लब की ओर से सर्वश्रेष्ठ शिक्षिका का सम्मान।

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