जयराम महतो मुश्किल में : स्कार्पियो पर चढ़कर वोट मांगने के मामले में नोटिस, उपचुनाव में प्रचार के दौरान तस्वीर हुई थी वायरल

Jairam Mahto in trouble: Notice issued for soliciting votes from a Scorpio; photo went viral during by-election campaign

Jairam Mahto News : झारखंड के घाटशिला उपचुनाव में प्रचार कर डुमरी विधायक जयराम महतो मुश्किल में पड़ गए हैं। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे स्कॉर्पियो वाहन के ऊपर बैठकर रैली करते नजर आ रहे हैं। इसे आचरण चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना जा रहा है। जमशेदपुर के डीसी ने मामले पर संज्ञान लेते हुए 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है।

 

दरअसलडुमरी विधानसभा के विधायक जयराम महतो का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे स्कॉर्पियो गाड़ी की छत पर बैठकर जनता से संपर्क करते दिखाई दे रहे हैं। यह दृश्य घाटशिला उपचुनाव के प्रचार के दौरान का बताया जा रहा है।वीडियो सामने आने के बाद निर्वाचन आयोग ने तुरंत मामले को गंभीरता से लिया है।

 

जमशेदपुर के उपायुक्त (DC) और जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सोशल मीडिया पर बयान जारी करते हुए कहा है कि रैली के दौरान किसी भी व्यक्ति का चारपहिया वाहन की छत पर बैठना या खड़ा होना चुनाव आयोग की सुरक्षा और आचार संहिता से संबंधित गाइडलाइन का उल्लंघन है। डीसी के मुताबकि इस तरह का आचरण न केवल प्रचार नियमों का उल्लंघन है, बल्कि इससे व्यक्ति की सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है।

 

उन्होंने कहा कि “चुनाव के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन करना सभी उम्मीदवारों और दलों की जिम्मेदारी है। ऐसे मामलों में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक, प्रचार रैलियों में किसी भी उम्मीदवार या राजनीतिक कार्यकर्ता को वाहन के ऊपर बैठने या खड़े होकर प्रचार करने की अनुमति नहीं है। ऐसा करने से कानून-व्यवस्था और सुरक्षा दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

 

जमशेदपुर जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने इस मामले में संबंधित उम्मीदवार या उनके दल से 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। यदि समय पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो चुनाव आचार संहिता के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उधर, इस वीडियो के वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को उठाना शुरू कर दिया है। कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “जब नियम जनता के लिए कठोर हैं, तो नेताओं के लिए भी वही लागू होने चाहिए।”

 

स्थानीय प्रशासन का कहना है कि वीडियो की सत्यता और समय की जांच की जा रही है। यदि पुष्टि होती है कि वीडियो घाटशिला उपचुनाव के प्रचार का ही है, तो जयराम महतो के खिलाफ आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

 

फिलहाल जयराम महतो की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि यह घटना प्रचार अभियान के बीच उनके लिए एक बड़ी असुविधा साबित हो सकती है।

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