रांची: गुरुवार को भी अपने शासन के 3 साल पूरा कर लेंगे।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आत्मविश्वास से लवरेज है। उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि विपक्ष उन्हें हिला डुला नहीं सकता। अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने भविष्य की योजनाओं के साथ-साथ तमाम विषयों पर खुलकर बातचीत की।

राजनीति हालात से संबंधित सवालों पर यहां तक कहा कि अगर उनकी गिरफ्तारी हो जाए तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा। जब शिबू सोरेन गिरफ्तार हो सकते हैं तो वह किस खेत की मूली है। शिबू सोरेन जब देश के कोयला मंत्री थे तो विरोधियों ने कोर्ट कचहरी कराया। जब हम सत्ता में नहीं रहेंगे तो गिरफ्तारी नहीं होगी। ऐसा भी दिन आएगा कि जो लोग ऐसा षड्यंत्र करेंगे उनको दिक्कत होगी।

पत्थर खनन लीज लेने संबंधी सवाल पर कहा कि इसका उन्हें कोई मलाल नहीं। राजनीति में आने से पहले से उनके नाम पर खनन लीज था। वह सांसद, विधायक, उपमुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष से होते हुए मुख्यमंत्री बने हैं। यह सच्चाई विपक्ष को नहीं दिखता है। देश में राजनीति की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है। विधायकों की खरीद-फरोख्त और केंद्रीय एजेंसियों का टूल की तरह उपयोग किसी से छिपा नहीं है।

राज्य के लोगों ने 20 वर्षों के अत्याचार और कुशासन का लंबा मंजर देखा है। आने वाले समय में पूर्व के 20 साल और उनके शासनकाल के 3 वर्षों का भी लोग आकलन करेंगे। वे न तो व्यापारी हैं और ना ही पूंजीपतियों का नेतृत्व करते हैं।उनके ऊपर आरोप लगाना आसान है क्योंकि वे ऐसे समाज से आते हैं जो आर्थिक सामाजिक और बौद्धिक रूप से काफी कमजोर है। ऐसे लोगों का नेतृत्व इनके बीच का व्यक्ति ही कर सकता है।

मुख्यमंत्री विपक्षी दल भाजपा को मुद्दा विहीन और नेता भी बताते हुए कहा कि यह बस सरकार गिराने का सपना देखते हैं। आलोचना करना अच्छी बात है। लेकिन आलोचना सकारात्मक होना चाहिए। इनके पास सरकार से करने के लिए कोई सवाल ही नहीं है। यह बस लेटकर सपने देखते हैं कि लिफाफा खुल गया और हेमंत सोरेन को हथकड़ी लगाकर जेल ले जाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्थर खनन लीजा संबंधी मामले में निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गए पत्र को लेकर अभी तक संशय की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के साथ कोई कड़वाहट नहीं। वह संवैधानिक पद पर है उन पर टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। लेकिन कुछ घटनाओं से ऐसा लगता है कि कहीं यह डबल गेम तो नहीं। उन्होंने बयान दिया कि राजनीति समझने में समय लगता है। यह राजनीति करने आए हैं या राज्यपाल की हैसियत, यह तो वही बताएंगे।

हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने लंबी लकीर खींची है। 3 सालों में 2 साल कोरोना से निपटने में गुजर गए। हमने लक्ष्य स्पष्ट और राह तय किया है। हर चुनौती को अवसर में बदला। हम आपदा से नहीं घबराते। इस सरकार में बैठे लोग आंदोलन की उपज है। हम जितना इस राज्य को जानते हैं विपक्ष उस प्रकार भावनाओं को नहीं जानता समझता।

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