चेन्नई : तमिलनाडु में हिरासत में प्रताड़ित करने के आरोप में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी बलबीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को विधानसभा को बताया कि उन्होंने प्राधिकारियों को हिरासत में प्रताड़ित करने के आरोपी आईपीएस अधिकारी बलवीर सिंह को निलंबित करने का आदेश दे दिया गया है।

विपक्ष के नेता ई के पलानीस्वामी ने पार्टी के एक पदाधिकारी की कुछ दिनों पहले हत्या का मुद्दा उठाया और कड़ी कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि पदाधिकारी को इसलिए मार डाला गया, क्योंकि वह नशे के खिलाफ थे. अन्य विधायकों ने आईपीएस अधिकारी द्वारा हिरासत में व्यक्तियों को कथित रूप से प्रताड़ित करने, जैसे गिरफ्तार व्यक्तियों के दांत प्लास से निकालने जैसे कृत्य में लिप्त होने के मुद्दे पर विशेष ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया.

विपक्षी पार्टी के नेताओं के प्रस्ताव पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि अन्नाद्रमुक कार्यकर्ता एलंगो की हत्या के लिए पुरानी दुश्मनी को जिम्मेदार ठहराया गया है और इस सिलसिले में एक किशोर सहित पांच व्यक्तियों को दो घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया गया. इस आरोप के बाद कि तिरुनेलवेली जिले के अंबासमुद्रम पुलिस सब-डिवीजन में सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत आरोपी अधिकारी ने पूछताछ के लिए लाए गए कुछ व्यक्तियों के ‘दांत तोड़ दिए’. मुख्यमंत्री ने कहा कि उप-कलेक्टर, सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट द्वारा एक जांच आदेश दे दिया गया है. उन्होंने कहा कि जांच शुरू हो गई है और बलवीर सिंह को ‘वैकेंसी रिजर्व’ (पदस्थापना प्रतीक्षा सूची) में डाल दिया गया है.

मानवाधिकार उल्लंघन में समझौता नहीं

स्टालिन ने कहा कि वह पहले ही सदन को सूचित कर चुके हैं कि सरकार पुलिस हिरासत के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों के मामले में कोई समझौता नहीं करेगी.

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