टैरिफ तनाव को कम करने के लिए भारत का ये प्लान, क्या PM मोदी की ट्रंप से मुलाकात में बन जाएगी बात?

मेरिका (America) और भारत (India) के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक नया तनाव देखने को मिल रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ यानी जवाबी शुल्क लगाने की चेतावनी दी है, जिसका सबसे ज्यादा असर भारत पर पड़ सकता है.नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक इस कदम से भारत के अमेरिकी बाजार में निर्यात की लागत तीन गुना तक बढ़ सकती है. फिलहाल भारत अमेरिका के निर्यात पर साढ़े 9 परसेंट टैरिफ लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय निर्यात पर 3 फीसदी टैरिफ लगाता है. वहीं थाइलैंड के लिए ये दरें 6.2 फीसदी और 0.9 परसेंट हैं. जबति चीन के लिए ये रेट 7.1 फीसदी और 2.9 परसेंट हैं.

भारत के लिए क्यों चिंता का विषय

सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देश, जिनका अमेरिका के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी FTA है, वो इस खतरे से काफी हद तक सुरक्षित माने जा रहे हैं. बीते सोमवार को डोनाल्ड ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया.

साथ ही उन्होंने संकेत दिए कि इस हफ्ते अमेरिका ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ पर फैसला ले सकता है. ट्रंप ने साफ कहा है कि अगर वो हम पर टैक्स लगाते हैं, तो हम भी उन पर टैक्स लगाएंगे.

आंकड़ों के मुताबिक भारत-US ट्रेड को समझें तो अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है. अप्रैल-नवंबर 2024 में दोनों देशों के बीच 82.53 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. अमेरिका ने भारत से 52.89 अरब डॉलर का आयात किया जो भारत के कुल निर्यात का 18.6 फीसदी है.

भारत-अमेरिका के बीच बड़ा व्यापार

भारत का अमेरिका के साथ 23.26 अरब डॉलर का ट्रेड सरप्लस है. अब तक भारत इस टकराव से बचने की कोशिश करता रहा है. हाल ही में पेश हुए बजट में इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और हाई-एंड मोटरसाइकिल्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाई गई थी.

नोमुरा के एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत अमेरिका के साथ बातचीत कर इस संकट का समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है. वैसे भी भारत अमेरिका से व्यापारिक संबंध को ज्यादा मजबूत करना चाहता है. इसके लिए अमेरिका में निवेश बढ़ाने और सप्लाई चेन आकर्षित करने की रणनीति पर काम हो रहा है.

लेकिन, अगर अमेरिका ने भारत पर उच्च टैरिफ लगाए तो इसका सबसे ज्यादा असर भारतीय स्टील उद्योग पर पड़ेगा. मूडीज रेटिंग्स के मुताबिक भारतीय स्टील उत्पादकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि पहले से ही देश में स्टील का आयात बढ़ने से कीमतों और मुनाफे पर दबाव है.

इस व्यापारिक टकराव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी और ट्रंप की मुलाकात के दौरान व्यापार और निवेश के मुद्दे प्रमुख होंगे, जिसमें ऊर्जा और रक्षा सौदों पर बातचीत होगी और टैरिफ विवाद को हल करने के लिए गहन चर्चा संभव है.

दोनों नेताओं की बातचीत में व्यापार और निवेश मुख्य एजेंडा रहेगा. अब देखने वाली बात होगी कि क्या भारत और अमेरिका इस व्यापारिक तनाव को कम कर पाते हैं या फिर ये टकराव आगे और बढ़ेगा?

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