भारत की सबसे डरावनी खदान…जहां 50,000 आत्माएं आज भी भटकती हैं… चीखें, सिसकियां और मौत की कहानियां…

मसूरी की वादियों में छुपा ‘लंबी देहर’ का रहस्य – जहां जाना मना है, लौट आना किस्मत की बात!
उत्तराखंड की वादियां जितनी खूबसूरत हैं, उतनी ही रहस्यमयी और खौफनाक कहानियों को भी समेटे हुए हैं। मसूरी से कुछ किलोमीटर दूर स्थित ‘लंबी देहर खदान’ को भारत की सबसे डरावनी जगहों में गिना जाता है।
ये कोई आम खदान नहीं, बल्कि ऐसा स्थान है जहां करीब 50,000 लोगों की दर्दनाक मौत हुई थी—और कहते हैं, उनकी आत्माएं आज भी वहां भटक रही हैं।
1990 का काला दिन – जब खदान बनी मौत का कुआं
साल 1990 में यहां माइनिंग के दौरान एक भयानक हादसा हुआ था।
बताया जाता है कि गलत तकनीक से खुदाई हो रही थी, जिसके कारण हजारों मजदूर खदान में ही दबकर मर गए।
कई मजदूर फेफड़ों की बीमारी से खांस-खांसकर मर गए।
खून की उल्टियां, सिसकते मजदूर और एक नरसंहार जैसा मंजर—उस दिन की हवा तक आज भी डरा देती है।
आज भी सुनाई देती हैं चीखें… रोने की आवाजें…
स्थानीय लोगों के मुताबिक, रात में वहां से गुज़रने पर लोगों को अजीब आवाज़ें सुनाई देती हैं।
किसी की बचाने की चीख,
कोई मदद की गुहार लगाता,
लेकिन वहां कोई नहीं दिखता।
लोगों ने बताया कि जो भी उस खदान के पास जाता है, या तो उसका भयानक एक्सीडेंट होता है या वह बीमार पड़ जाता है।
सील हो चुकी है खदान, लेकिन डर आज भी जिन्दा है
साल 1996 में इन खदानों को सरकारी आदेश से सील कर दिया गया।
अब वहां मात्र 20 लोग रहते हैं, और उनका मानना है कि ये जगह आत्माओं का डेरा बन चुकी है।
कई हॉरर फिल्मों और सीरियल्स की शूटिंग भी इसी खदान में हो चुकी है।
लोग आज भी यहां का नाम सुनकर सहम जाते हैं।
🚫 टूरिस्ट्स को चेतावनी – यहां जाना मना है!
आसपास के गांववाले नए आने वाले पर्यटकों को साफ़ चेतावनी देते हैं:
“लंबी देहर का रास्ता मत पूछो, वहां जाना मौत को बुलावा देना है।”