भारत बना समानता का सुपरपावर! अमेरिका-चीन को भी छोड़ा पीछे, जानिए वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में क्या है राज़

नई दिल्ली। भारत ने फिर दुनिया को चौंका दिया है! आर्थिक विकास के साथ अब सामाजिक समानता के मामले में भी भारत ने चीन (35.7) और अमेरिका (41.8) जैसे ताकतवर देशों को पीछे छोड़ दिया है।
विश्व बैंक की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत का गिनी सूचकांक 25.5 है, जो इसे दुनिया का चौथा सबसे समतामूलक देश बनाता है।इससे पहले 2011 में भारत का स्कोर 28.8 था — यानी 10 सालों में समानता की दिशा में भारत ने जबरदस्त छलांग लगाई है।
क्या है गिनी सूचकांक?
गिनी इंडेक्स यह दर्शाता है कि देश में आय और संसाधनों का वितरण कितना समान है।
0 का स्कोर = पूरी समानता
100 का स्कोर = पूरी असमानता
भारत का 25.5 स्कोर दिखाता है कि यहां संसाधनों का वितरण तुलनात्मक रूप से बहुत समान है।
अमेरिका-चीन को पीछे छोड़ भारत बना Global Equality Champion
भारत: 25.5
चीन: 35.7
अमेरिका: 41.8
ब्राजील: 47.0
जापान: 32.9
UK: 34.8
भारत अब G20 और G7 देशों से भी ज्यादा समतामूलक बन चुका है।
भारत की ये सरकारी योजनाएं बनीं समानता की रीढ़
जनधन योजना – 55 करोड़ बैंक खाते
आधार – 142 करोड़ से ज़्यादा यूनिक IDs
DBT सिस्टम – ₹3.48 लाख करोड़ की लीकेज-फ्री ट्रांसफर
आयुष्मान भारत – 41 करोड़ कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज
PMGKAY – 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन
स्टैंडअप इंडिया – 2.75 लाख उद्यमियों को ₹62,000+ करोड़ लोन
विश्वकर्मा योजना – 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को नया जीवन
गरीबी घटी तो समानता बढ़ी
2011-12 में भारत की अत्यधिक गरीबी दर 16.2% थी, जो अब घटकर 2.3% रह गई है।
$3/दिन की नई गरीबी सीमा के हिसाब से भी यह दर सिर्फ 5.3% है।
भारत अब किसके पीछे है?
सिर्फ ये 3 देश भारत से ज्यादा समान हैं:
स्लोवाकिया – 24.1
स्लोवेनिया – 24.3
बेलारूस – 24.4