झारखंड: राज्यपाल रमेश बैस शुक्रवार को सुबह दस बजे दिल्ली चले गए। इससे झारखंड में सियासी सरगर्मी और बढ़ गई है। यूपीए प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता मामले में राजभवन द्वारा खुलासा करने व निर्णय लेने का दबाव बढ़ाने के बाद राज्यपाल एक्शन में आए। हालांकि राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल अपनी निजी कारणों से दिल्ली दिल्ली गए हैं। वहीं राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा है कि वे दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा अन्य शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात कर इसपर निर्णय ले सकते हैं। राज्यपाल झारखंड की वर्तमान राजनीतिक हालातों तथा हाल के दिनों में यहा बढ़ते अपराध के मामले की भी जानकारी दे सकते हैं।

अब यह संभावना जताई जा रही है कि राज्यपाल हेमंत की सदस्यता पर पांच सितंबर को होनेवाले विधानसभा के विशेष सत्र से पहले भी निर्णय ले सकते हैं। दिल्ली में शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर राज्यपाल रांची लौटकर अपने निर्णय की घोषणा कर सकते हैं। निर्वाचन आयोग की अनुशंसा पर हेमंत सोरेन की सदस्यता रद होना तय है। इसे लेकर राज्यपाल का आदेश कभी भी निर्वाचन आयोग को भेजा जा सकता है। हेमंत के चुनाव लड़ने से रोक पर अभी भी संशय बरकरार है, क्योंकि इसपर राज्यपाल को ही निर्णय लेना है। आयोग ने इसपर अपना कोई मंतव्य नहीं दिया है।

बता दें कि गुरुवार को यूपीए के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर आफिस आफ प्राफिट मामले में शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया था। यूपीए का कहना था कि राजभवन द्वारा इस मामले में कोई अधिकृत घोषणा नहीं करने तथा निर्णय नहीं लेने से राजनीतिक अस्थिरता और हार्स ट्रेडिंग का माहौल बन गया है।

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