रांची। सालों से राखी बांधने की ये परंपरा भार में चली आ रही है। बहन छोटी हो या बड़ी वह अपने भाई की कलाई पर राखी बांध कर उसके अच्छे स्वास्थ्य, लंबी आयु, सुखी जीवन और समृद्धि की कामना करती हैं और बदले में भाई जीवन भर उसका साया बनकर रक्षा करने का वचन देता है।

किस दिशा में बैठे भाई
रक्षा बंधन बांधते समय भाई को पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए और बहन को अपना मुख पश्चिम दिशा में रखना चाहिए। उसके बाद बहन भाई के माथे पर रोली, अक्षत और चंदन का तिलक करके उसकी आरती उतारें।
इसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांधे और इस दौरान शास्त्रों के अनुसार, इस मंत्र का जाप करें।
‘येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चला।।’
मान्यता है कि राखी बांधते समय इसके जाप से फल मिलता है और यह शुभ होता है।

तिलक लगाने का मंत्र
केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु।।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम्।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम्।।

ऐसे तैयार करें रक्षाबंधन की थाली
रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई को राखी बांझने से पहले पूजा की थाली को सजा लें। थाली में रोली, अक्षत, चंदन, दीपक, राखी और मिठाई जरूर रखें। पहली राखी भगवान को समर्पित कर दें। इसके बाद बहन अपने भाई को राखी बांधे और मिठाई से उसका मुंह मीठा करें।

भद्रा में नहीं बांधनी चाहिए राखी (Rakhi Should Not be Tied in Bhadra)


ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, भद्रा शनि देव की बहन और क्रूर स्वभाव वाली है. ज्योतिष में भद्रा को एक विशेष काल कहते हैं. भद्रा काल में शुभ कर्म शुरू न करने की सलाह सभी ज्योतिषी देते हैं. शुभ कर्म जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, रक्षा बंधन पर रक्षासूत्र बांधना आदि. सरल शब्दों में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है. मान्यता है कि सूर्य देव और छाया की पुत्री भद्रा का स्वरूप बहुत डरावना है. इस कारण सूर्य देव भद्रा के विवाह के लिए बहुत चिंतित रहते थे. भद्रा शुभ कर्मों में बाधा डालती थीं, यज्ञों को नहीं होने देती थी. भद्रा के ऐसे स्वभाव से चिंतित होकर सूर्य देव ने ब्रह्मा जी से मार्गदर्शन मांगा था. उस समय ब्रह्मा जी ने भद्रा से कहा था कि, अगर कोई व्यक्ति तुम्हारे काल यानी समय में कोई शुभ काम करता है तो तुम उसमें बाधा डाल सकती हो, लेकिन जो लोग तुम्हारा काल छोड़कर शुभ काम करते हैं, तुम्हारा सम्मान करते हैं, तुम उनके कामों में बाधा नहीं डालोगी. इस वजह से भद्रा काल में शुभ कर्म वर्जित माने गए हैं।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...