झारखंड: राजभवन के आदेश से 2 लाख स्टूडेंट टेंशन में, उधर राज्य सरकार ने बनायी मंत्रियों की कमेटी, 9 जून को होगी बैठक, जानें पूरा मामला
Jharkhand: 2 lakh students are in tension due to the order of Raj Bhavan, on the other hand the state government has formed a committee of ministers, meeting will be held on June 9, know the whole matter

रांची। झारखंड के शिक्षा तंत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राज्य के सभी डिग्री कॉलेजों में अब इंटरमीडिएट (11वीं-12वीं) की पढ़ाई पूरी तरह से बंद कर दी गई है। झारखंड राजभवन द्वारा सभी विश्वविद्यालयों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने अधीन संचालित किसी भी कॉलेज में इस वर्ष से इंटरमीडिएट कक्षाओं में नामांकन न लें।
राजभवन ने दिया निर्देश
यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत लिया गया है, जो चार वर्ष पूर्व ही लागू की जा चुकी थी।हालांकि, झारखंड सरकार ने अब तक इस बदलाव को लागू करने के लिए कोई ठोस वैकल्पिक प्रणाली तैयार नहीं की, जिससे अब राज्य के लगभग दो लाख छात्र-छात्राएं संकट में आ गए हैं। इन छात्रों के सामने न तो प्रवेश का मार्ग स्पष्ट है और न ही यह तय है कि वे अपनी पढ़ाई कहां और कैसे पूरी करेंगे।
राज्य सरकार ने बनायी कमेटी
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन मंत्रियों की एक उच्चस्तरीय समिति गठित की है। इस कमेटी में उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य सोनू, ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को शामिल किया गया है।
9 जून को बुलायी गयी बैठक
रामदास सोरेन ने कहा कि “हम छात्रों की चिंता को समझते हैं। यह स्थिति गंभीर है, लेकिन सरकार हरसंभव समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है।” उन्होंने बताया कि 9 जून को एक अहम बैठक आयोजित की जाएगी, जिसके बाद राज्यपाल से भी मुलाकात की योजना है।
राजनीति भी गरमायी
इस मुद्दे ने राज्य की राजनीति को भी गर्मा दिया है। भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह असंवेदनशीलता का चरम है कि राज्य सरकार ने चार साल तक कुछ नहीं किया और अब जब छात्रों का भविष्य अधर में है, तब हाथ-पांव मार रही है। उन्होंने पूछा कि “पिछले पांच साल में सरकार ने वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं बनाई?”
वहीं, झामुमो (JMM) ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “जो लोग सत्ता में रहकर सैकड़ों स्कूल बंद करवा चुके हैं, वे आज शिक्षा की दुहाई न दें।” पार्टी के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए समाधान खोजने के लिए समिति बना दी है और केंद्र सरकार को भी छात्रों के हित में उदार रवैया अपनाना चाहिए।