JSSC के परीक्षा कैलेंडर में बड़ा झोल: विज्ञापन और परीक्षा से पहले रिजल्ट कर दिया जारी, भड़के बाबूलाल बोले, मज़ाक बनाकर रख दिया है..

Big mess in JSSC exam calendar: Result released before advertisement and exam, Babulal got angry and said, this is a joke..

JSSC Time Table : लगता है कि विवादों में रहना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) का शगल बन गया है। पहले परीक्षा का शेड्यूल नहीं जारी करने को लेकर सवालों में था, अब जबकि आयोग ने परीक्षा कैलेंडर जारी कर दिया है, तो भी विवाद हो गया है। दरअसल आयोग ने परीक्षा लेने और परिणाम घोषित करने को लेकर शेड्यूल जारी किया है, उसमें बड़ी चूक देखने को मिल रही है।

 

इस चूक को लेकर JSSC और हेमंत सोरेन सरकार फिर से विपक्ष के निशाने पर आ गयी है। विपक्ष ने इसे युवाओं के भविष्य के साथ मज़ाक करार दिया है। शुक्रवार की देर शाम झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा जारी किए गए परीक्षा कैलेंडर में एक गंभीर त्रुटि सामने आई है। कैलेंडर में जिन परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने की तिथि दी गई है, वह जनवरी और फरवरी 2025 की है।

 

दरअसल JSSC ने जो परीक्षा कैलेंडर जारी किया है, उसके मुताबिक झारखंड स्नातक तकनीकी व विशिष्ट योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का विज्ञापन जून 2025 में जारी होने की जानकारी दी गयी है । परीक्षा आयोजन की संभावित तारीख नवंबर 2025 की है, जबकि रिजल्ट की तारीख फरवरी 2025 दी गयी है। मतलब परीक्षा हुई भी नहीं है और उसका परिणाम फरवरी में जारी कर दिया गया।

 

इस बेतुके कैलेंडर को लेकर युवाओं और प्रतियोगी छात्रों में भारी नाराजगी है। कई अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि सरकार उनके भविष्य के साथ मजाक कर रही है। वहीं, विपक्ष ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और JSSC की तीखी आलोचना की है।

 

भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट के माध्यम से तंज कसते हुए कहा कि “लगता है हेमंत सोरेन जी टाइम ट्रैवल कर भूतकाल में युवाओं को नौकरी देने की तैयारी कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यह परीक्षा कैलेंडर केवल खानापूर्ति के लिए जारी किया गया है, ताकि सरकार रोजगार के मुद्दे पर अपनी नाकामी को छुपा सके।

 

बयान में आगे कहा गया है कि “हेमंत सरकार की बेरोजगारी को लेकर जो किरकिरी हुई है, उसी का जवाब देने के लिए हड़बड़ी में यह परीक्षा कैलेंडर निकाला गया, लेकिन उसमें भी लापरवाही बरती गई।” उन्होंने यह भी कहा कि “यदि सरकार को पांच साल भी लग जाएं परीक्षा कैलेंडर बनाने में, तो चलेगा, लेकिन युवाओं की भावनाओं से इस तरह खेलवाड़ नहीं होना चाहिए।”

 

विशेषज्ञों का मानना है कि इस गलती ने JSSC की कार्यप्रणाली की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। यह पहली बार नहीं है जब आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठे हों। पहले भी परीक्षाओं में देरी, टालमटोल और पारदर्शिता की कमी को लेकर JSSC विवादों में रहा है।

 

अब सवाल यह है कि क्या राज्य सरकार इस त्रुटि को सुधारने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगी, या फिर यह मामला भी अन्य मुद्दों की तरह समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा? फिलहाल तो परीक्षा की तैयारी कर रहे लाखों युवाओं को केवल अनिश्चितता और असमंजस का सामना करना पड़ रहा है।

 

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि दरअसल, अरसे बाद आज JSSC ने परीक्षा कैलेंडर जारी किया, लेकिन परीक्षा परिणाम जारी करने की तिथि जनवरी-फरवरी 2025 की निर्धारित की है, जो कब का बीत चुका है। हेमंत सोरेन के दुलारे आयोग JSSC ने युवाओं के भविष्य का मज़ाक बना कर रख दिया है।

 

यह बेतुका परीक्षा कैलेंडर ही बता रहा है कि रोजगार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की चौतरफा भद्द पीटने के बाद कैलेंडर निकाल कर महज़ खानापूर्ति की जा रही है। हेमंत जी, यदि आप चाहें तो परीक्षा कैलेंडर बनाने में पूरे पांच साल का समय लीजिए, लेकिन इस तरह युवाओं के भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना बंद करिए।

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