G7 सम्मेलन में PM मोदी का सख्त संदेश: आतंक समर्थक देशों को नहीं मिलेगा इनाम, दोहरी नीति बंद होनी चाहिए

नई दिल्ली/कनानास्किस (कनाडा), 18 जून 2025 जी-7 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादवैश्विक शांतिविकासशील देशों की प्राथमिकताएं और एआई जैसे आधुनिक विषयों पर दुनिया के शीर्ष नेताओं के सामने भारत का पक्ष सख्ती से रखा। कनाडा के कनानास्किस में हुए G7 आउटरीच सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इसकी कीमत चुकानी होगी”।

“दोहरी नीति नहीं चलेगी”(G7 सम्मेलन में PM मोदी का सख्त संदेश)

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक समान मानदंड अपनाने चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा,

“एक तरफ हम अपनी पसंद के अनुसार प्रतिबंध लगाने में तेजी दिखाते हैं, वहीं दूसरी ओर जो देश खुलेआम आतंकवाद को समर्थन देते हैं, उन्हें पुरस्कृत किया जाता है। यह दोहरा मापदंड अब स्वीकार्य नहीं है।”

भारत के रुख की पुनर्पुष्टि(G7 सम्मेलन में PM मोदी का सख्त संदेश)

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने जानकारी दी कि पीएम मोदी ने हाल ही में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा के लिए नेताओं का आभार जताया और आतंकवाद के खिलाफ सख्त वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया। इस हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था, जिसमें PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

ग्लोबल साउथ की आवाज बने मोदी(G7 सम्मेलन में PM मोदी का सख्त संदेश)

प्रधानमंत्री मोदी ने जी-7 मंच से ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों की चिंताओं को भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि भारत इन देशों की आवाज को वैश्विक मंचों तक पहुंचाना अपनी जिम्मेदारी मानता है। उन्होंने ऊर्जा, निवेश और तकनीक जैसे क्षेत्रों में समावेशी विकास की आवश्यकता बताई।

एआई, डीपफेक और टिकाऊ ऊर्जा पर भी बोले(G7 सम्मेलन में PM मोदी का सख्त संदेश)

मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि कृत्रिम मेधा (AI) जैसी तकनीकों को सुरक्षित और जिम्मेदार बनाना आवश्यक है।

“डीपफेक एक बड़ी चुनौती बन चुका है। AI की मदद से तैयार कंटेंट पर स्पष्ट घोषणा जरूरी है कि यह किस तकनीक से बना है।”

उन्होंने सतत ऊर्जा और हरित प्रौद्योगिकी की ओर वैश्विक सहयोग बढ़ाने पर बल दिया।

“इस सदी में हमें ऊर्जा के लिए नहीं, बल्कि प्रौद्योगिकी के लिए सहयोग करना होगा।”

द्विपक्षीय संबंधों में भी अहम पहल

शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, दक्षिण कोरिया, इटली और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों/राष्ट्रपतियों से भी मुलाकात की। खास बात यह रही कि भारत-कनाडा संबंधों में सुधार की दिशा में दोनों देशों ने नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर सहमति जताई है।

G7 के मंच से प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को मजबूती से दोहराया और विकासशील देशों की चिंताओंसतत विकास, और AI के दुष्प्रभावों पर वैश्विक एकजुटता की आवश्यकता बताई।
यह संबोधन भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और वैश्विक कूटनीति में उसकी सक्रियता का प्रतीक माना जा रहा है।

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