झारखंड में शिक्षा विभाग की बड़ी कार्रवाई…मैट्रिक में खराब रिजल्ट पर 61 प्रधानाध्यापकों पर होगी कार्रवाई
Big action by the education department in Jharkhand: Action will be taken against 61 headmasters for poor results in matriculation

झारखंड में बीते दिनों मैट्रिक का रिजल्ट घोषित किया गया, राज्यभर में जैक बोर्ड का 91.71 प्रतिशत रिजल्ट हुआ.इस रिजल्ट को लेकर सरकार ने अपनी पीठ भी थपथपाई. लेकिन राज्य में कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां का रिजल्ट शून्य रहा यानी उन स्कूलों से एक भी बच्चा मैट्रिक पास नहीं कर पाया. सभी के सभी फेल हो गए. अब ऐसे स्कूलों के प्रिंसिपल के ऊपर गाज गिरने वाली है. इस स्कूलों के प्रधानाध्यापकों की नौकरी अब खतरे में है.
बता दें झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक परीक्षा में खराब रिजल्ट वाले 61 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों पर स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है.इनमें सात ऐसे स्कूल हैं जहां का परिणाम शत प्रतिशत शून्य यानी सभी परिक्षार्थी फेल हो गए.
इन स्कूलों में सभी बच्चे हुए फेल
इन स्कूलों में मॉडल स्कूल, पालजोरी, गुमला
उत्क्रमित हाई स्कूल, शिकारीपाड़ा, दुमका
आर मित्रा हाई स्कूल, देवघर
मिथिला हाई स्कूल, सोनारी, पूर्वी सिंहभूम
गवर्नमेंट हाई स्कूल, बिरसा नगर, पूर्वी सिंहभूम
माइकल जान गर्ल्स हाई स्कूल, गोलमुरी, पूर्वी सिंहभूम
उत्क्रमित हाई स्कूल, सोनगरा, पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं.
इन 7 स्कूलों के अलावा 54 ऐसे स्कूल हैं जहां का रिजल्ट 50 प्रतिशत से कम रहा. इन स्कूलों के प्रधानाध्यापक या प्रभारी प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण पूछने का निर्देश दिया गया है. वही, शत प्रतिशत और 50 प्रतिशत से ज्यादा थर्ड डिविजन वाले सात स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को भी नोटिस जारी करने को कहा गया है.
किस जिले में कितने बच्चे का रिजल्ट खराब
50% के कम रिजल्ट वाले स्कूलों में रांची-छह, गुमला-छह, लोहरदगा एक, सिमडेगा-तीन, खूंटी-दो, हजारीबाग-एक, गिरिडीह-दो, धनबाद-दो, कोडरमा-एक, रामगढ़ तीन, गढ़वा-तीन, लातेहार-दो, दुमका दो, देवघर दो, पश्चिमी सिंहभूम – 15, सरायकेला एक और गोड्डा दो स्कूल शामिल हैं.
शिक्षा सचिव ने डीईओ को दिया निर्देश
शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने संबंधित जिलों के डीईओ को कार्रवाई का निर्देश दिया है.शिक्षा सचिव ने संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक और अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि इन सात और 54 विद्यालयों की गहन जांच की जाए. अधिकारी 19 जून तक इन 61 विद्यालयों का स्थलीय जांच कर रिपोर्ट ई-विद्यावाहिनी पर अपलोड करना सुनिश्चित करें.
इन सभी स्कूलों में रिजल्ट खराब होने को लेकर सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक भी कार्यरत थे.इसे लेकर भी सचिव ने निर्देश दिया है. साथ ही इन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त होने के बावजूद शत-प्रतिशत और 50 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थियों का अनुत्तीर्ण होना अत्यंत गंभीर मामला है.
शिक्षकों से मांगा गया स्पष्टीकरण
संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी इन सात और 54 विद्यालयों के प्रधानाध्यापक-प्रभारी प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित कर अन्य अनुशासनिक कार्यवाई करना सुनिश्चित करेंगे.
शिक्षा सचिव ने कहा कि इन विद्यालयों में विद्यार्थियों की संख्या कम और पर्याप्त शिक्षक होने के बावजूद विद्यार्थियों का तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण होना अत्यंत गंभीर मामला है. संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी इन विद्यालयों के शिक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त करते हुए परीक्षाफल में सुधार के लिए अंतिम चेतावनी जारी करें।
शिक्षकों को विभाग के तरफ से अंतिम चेतावनी दी जा रही है लेकिन ये मामला काफी गंभीर है और राज्य की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को उजागर करता है.सरकार को इस मामले पर गंभीरता से विचार करने की जरुरत है.