झारखंड में CRPF जवान को नक्सल ड्यूटी के दौरान जहरीले सांप ने काटा, जंगल में ही सर्पदंश से चली गयी जान

CRPF Constable Death : झारखंड में नक्सल आपरेशंस में लगे एक जवान की सर्पदंश से मौत हो गयी। घटना झारखंड के सारंडा जंगल की है, जहां नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान के दौरान सीआरपीएफ 209 कोबरा बटालियन के जवान संदीप कुमार की जहरीले सांप के डसने से मौत हो गई। जवान उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के निवासी थे।
पुलिस के मुताबिक यहां सीआरपीएफ की 209 कोबरा बटालियन के जवान संदीप कुमार की मौत जहरीले सांप के डसने से हो गई। संदीप उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले थे और लंबे समय से नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात थे।पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, 209 कोबरा बटालियन के जवान छोटा नगरा के जंगलों में नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान पर निकले थे।
इस दौरान ड्यूटी पर तैनात जवान संदीप कुमार को अचानक एक जहरीले सांप ने डस लिया। साथी जवानों ने तत्काल उन्हें प्राथमिक उपचार देने की कोशिश की और उन्हें जंगल से बाहर निकालकर पास के अस्पताल कोलेबिरा पहुंचाया गया। लेकिन इलाज के दौरान डॉक्टरों ने संदीप कुमार को मृत घोषित कर दिया।
जंगलों में कई बार प्राकृतिक खतरे बनते हैं चुनौती
सारंडा जैसे घने जंगलों में नक्सली अभियान सिर्फ मुठभेड़ों तक सीमित नहीं है। यहां सांप, बिच्छू, जहरीले कीड़े, मच्छर और यहां तक कि वज्रपात (बिजली गिरना) भी सुरक्षा बलों के लिए बड़े खतरे साबित होते रहे हैं। कई बार जवानों को नक्सलियों से ज्यादा इन प्राकृतिक खतरों का सामना करना पड़ता है। संदीप कुमार की मौत ने एक बार फिर इस चुनौती को उजागर कर दिया है।
शहादत को सलाम
सीआरपीएफ अधिकारियों के मुताबिक, संदीप कुमार एक बहादुर और अनुशासित जवान थे, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कई नक्सल विरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई। उनके निधन की खबर से बटालियन और पूरे सुरक्षा बल में शोक की लहर दौड़ गई है। रांची में संदीप कुमार को अंतिम सलामी दी जाएगी, इसके बाद उनका पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव देवरिया (उत्तर प्रदेश) भेजा जाएगा, जहां पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
परिवार और गांव में मातम
संदीप कुमार की शहादत की खबर मिलते ही देवरिया स्थित उनके गांव में मातम छा गया। परिजन सदमे में हैं और ग्रामीणों ने बताया कि संदीप हमेशा ड्यूटी को प्राथमिकता देते थे और घर आने पर भी देश की सुरक्षा और नक्सल अभियान से जुड़ी बातें साझा करते थे। उनकी शहादत से पूरा गांव गर्वित है लेकिन अपार दुख में डूबा हुआ है।