झारखंड में मौसम का करवट: भारी बारिश और वज्रपात की संभावना, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट, रहें सावधान

Weather change in Jharkhand: Possibility of heavy rain and thunderstorm, IMD issued yellow alert, be careful

रांची : भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने झारखंड में 29 मई से 31 मई 2025 तक भारी बारिश (Heavy Rainfall in Jharkhand) और वज्रपात (Thunderstorm Alert in Jharkhand) की चेतावनी जारी की है। बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव (Low Pressure Area) के प्रभाव के कारण राज्य में व्यापक स्तर पर मौसम परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यह निम्न दबाव अब साइक्लोनिक सर्कुलेशन का रूप ले रहा है, जिससे आगामी दिनों में झारखंड के विभिन्न हिस्सों में तेज हवाओं और बिजली गिरने की आशंका है।

29 से 31 मई तक भारी वर्षा और येलो अलर्ट

मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि 29, 30 और 31 मई को झारखंड के उत्तर-पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा (Moderate to Heavy Rainfall) हो सकती है। इन तीन दिनों के लिए पूरे राज्य में येलो अलर्ट (Yellow Alert in Jharkhand) घोषित किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, 1 जून को भी राज्य के अधिकांश हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना बनी हुई है।

तेज हवाएं और तापमान में गिरावट

इस मौसम परिवर्तन के साथ झारखंड में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं (Strong Winds in Jharkhand) चलने की भी संभावना है। बारिश और बादल छाए रहने के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट (Temperature Drop in Jharkhand) देखी गई है। राजधानी रांची का अधिकतम तापमान 31.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 5 डिग्री कम है। वहीं, राज्य में सबसे अधिक तापमान गोड्डा में 36.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

बारिश से प्रभावित इलाके और सावधानियों की जरूरत

 

मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार को चाईबासा में 15 मिमी और रांची में 5 से 7 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इससे शहर के कई इलाकों में जल जमाव (Waterlogging in Ranchi) की स्थिति बन गई। देर रात को संताल परगना, गुमला, रामगढ़, पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां में भी मध्यम से भारी वर्षा हुई। IMD के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। नदी-नालों से दूर रहें, खेत-खलिहानों में जाने से बचें, और पेड़ या बिजली के खंभों के नीचे खड़े न हों। बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने की सलाह दी गई है।

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