झारखंड: ट्रांसफर कराना है तो एक लाख लगेगा….सिविल सर्जन और क्लर्क पर लगा गंभीर आरोप, लीगल नोटिस जारी…

धनबाद। ट्रांसफर के लिए स्वास्थ्य विभाग में घूसखोरी का गंभीर आरोप लगा है। आरोप है कि कम्युनिटी हेल्थ अफसर के ट्रांसफर के एवज में सिविल सर्जन ने 1 लाख रुपये रिश्वत मांगी थी। अब इस मामले में लीगल नोटिस सिविल सर्जन डॉक्टर चंद्रभानु प्रतापपन के खिलाफ जारी किया गया है। लीगल नोटिस में 7 दिन में जवाब नहीं देने पर हाईकोर्ट में वाद दायर करने की बात कही गयी है।
पूरा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी यशोदा कुमारी के तबादले से जुड़ा है। सिविल सर्जनपर एक लाख रुपये घूस मांगने का आरोप है। इस संबंध में सिविल सर्जन और कार्यालय के लिपिक संजुत कुमार सहाय के खिलाफ उपायुक्त माधवी मिश्रा से शिकायत की गई है।
इजहार अहमद बिहारी ने कहा जब मैं सिविल सर्जन से स्थानांतरण के निवेदन के लिए गया तो सिविल सर्जन ने एक लाख रुपये की घूस मांगी। इसमें लिपिक संजुत कुमार भी शामिल है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार को ऐसे कर्मचारी और पदाधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर बदनाम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री समेत वरीय अधिकारियों को भी शिकायत की गई है।
शिकायत के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग में लगभग 54 सामुदायिक स्वास्थ्य प्राधिकारी विभिन्न आयुष्मान आरोग्य मंदिर में सेवा दे रहे हैं। अक्टूबर नवंबर 2024 में स्वास्थ्य विभाग की ओर से बड़े पैमाने पर इन सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी का तबादला किया गया था।इसकी जिम्मेदारी सिविल सर्जन ने लिपिक संजीत कुमार को दी थी।
इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी को सहूलियत के हिसाब से पोस्टिंग के लिए आवेदन देने को कहा गया था।27 सितंबर 2024 को यशोदा कुमारी ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर मोहलबनी झरिया से अपना स्थानांतरण आयुष्मान आरोग्य मंदिर बिशनपुर तोपचांची प्रखंड में करने की मांग की थी, यशोदा ने कहा था कि उसकी ससुराल तोपचाची में है, जिससे वह अपने बच्चों पर भी निगरानी कर पाएगी। जिसके बाद एक लाख रुपये कि डिमांड की गयी।