ये शर्मनाक नहीं तो और क्या है? झारखंड में क़फ़न की राजनीति गरमायी, स्वास्थ्य मंत्री को भाजपा ने घेरा, कहा, “जनता को जीवन चाहिये, कफन नहीं”

If this is not shameful then what is? Politics of shroud heated up in Jharkhand, BJP surrounded the Health Minister, said, "People want life, not shroud"

रांची: झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। भाजपा नेता और पूर्व मंत्री अमर बाउरी ने स्वास्थ्य मंत्री पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि सरकार अब जीवित लोगों के बजाय मृतकों की चिंता अधिक करने लगी है। रिम्स (राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान) की स्वशासी परिषद की हालिया बैठक में लिए गए निर्णयों का हवाला देते हुए उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा।

 

अमर बाउरी ने सवाल पूछा है कि, “झारखंड सरकार ने अब यह मान लिया है कि वह मरीजों को बचा नहीं सकती। इसलिए अब वो ‘कफन योजना’ को पुनः शुरू करने की बात कर रही है। ये शर्मनाक नहीं तो और क्या है?” उन्होंने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब राज्य की जनता बेहतर इलाज, दवाइयों और अस्पतालों में मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रही है, तब सरकार शवों को ढकने की योजना बना रही है।

 

स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार नहीं, सिर्फ औपचारिकताएं

अमर बाउरी ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर सवाल उठाया कि क्या राज्य सरकार ने अब यह मान लिया है कि उसका उद्देश्य लोगों को जीवित रखना नहीं, बल्कि मृत्यु के बाद औपचारिकताएं निभाना है? अमर बाउरी का कहना है कि “जनता को जीवन चाहिए, कफन नहीं। योजनाएं ऐसी बननी चाहिएं जो जिंदगी बचाएं, न कि मौत को सजाएं।”उन्होंने रिम्स की स्थिति का भी जिक्र किया, जहां आए दिन इलाज की कमी, डॉक्टरों की अनुपलब्धता और दवाइयों के अभाव को लेकर गंभीर शिकायतें मिलती रहती हैं। इन सबके बीच ‘कफन योजना’ जैसी घोषणा सरकार की संवेदनशीलता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

 

राजनीतिक गलियारों में मचा हलचल

अमर बाउरी के इस बयान के बाद झारखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर विपक्षी भाजपा सरकार को घेरने में जुट गई है, वहीं सत्तारूढ़ गठबंधन अभी तक इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया देने से बचता नजर आ रहा है।

राज्य सरकार की ओर से यह योजना गरीबों की मदद के उद्देश्य से बताई जा रही है, लेकिन जिस तरीके से यह निर्णय सामने आया, उसने राज्य की प्राथमिकताओं पर ही प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। आपको बता दें कि रिम्स की बैठक में शव वाहन की संख्या में बढोत्तरी का भी निर्णय लिया गया था।

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