अगर गलत दिशा में जलाया दीपक तो रूठ सकती हैं मां लक्ष्मी! जानिए दिवाली पर दीप जलाने के रहस्यमयी नियम…
शुभ दिशा, शुभ संख्या और धार्मिक महत्व — दीपावली 2025 में ऐसे पाएं मां लक्ष्मी का आशीर्वाद

दिवाली का पर्व नजदीक है — रोशनी, उल्लास और आस्था से भरा यह त्योहार हर घर में खुशियां लाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दीपक जलाने की दिशा और संख्या का भी उतना ही महत्व है जितना खुद दीपावली का?
कहते हैं, अगर दीपक सही दिशा में नहीं जलाया जाए, तो मां लक्ष्मी नाराज़ हो सकती हैं और घर में दरिद्रता का वास हो सकता है। आइए जानते हैं दिवाली 2025 पर दीपक जलाने के सही नियम और धार्मिक महत्व —
दीपक जलाने की सही दिशा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, उत्तर और उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) दीपक जलाने के लिए सबसे शुभ मानी गई है।
मुख्य द्वार, पूजा घर और उत्तर दिशा में दीपक जलाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-वैभव बढ़ता है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा में दीपक जलाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह दिशा नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है।
ईशान कोण को ज्ञान, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक माना गया है। इस दिशा में दीपक जलाने से घर में शुभता और स्थिरता बनी रहती है।
दीपक जलाने की शुभ संख्या
वास्तु और ज्योतिष के अनुसार, दीपक जलाने की 7, 9 या 11 संख्या अत्यंत शुभ मानी गई है।
7 दीपक — सप्तर्षियों का प्रतीक, जो ज्ञान और सुरक्षा प्रदान करते हैं।
9 दीपक — नवदुर्गा के नौ रूपों का सम्मान और शक्ति का संकेत।
11 दीपक — पूर्णता और समृद्धि का प्रतीक, जो घर में शांति और सौभाग्य लाता है।
कम से कम हर कमरे में एक दीपक अवश्य जलाना चाहिए ताकि पूरा घर रोशनी और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाए।
दीपक जलाने का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
दीपक जलाना सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि आध्यात्मिक साधना है।
यह अज्ञान के अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाता है।
मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए दीपक की लौ स्थिर और शुद्ध होनी चाहिए — झूमती या बुझती लौ नकारात्मक ऊर्जा का संकेत मानी जाती है।
दीपक जलाने के कुछ खास नियम:
मां लक्ष्मी की मूर्ति या फोटो के सामने दीपक जलाएं।
दीपक जलाते समय मन में सकारात्मक विचार रखें।
घर के बाहर मुख्य द्वार पर दीपक जलाना बेहद शुभ होता है।
पूजा स्थल पर नियमित दीपक जलाने से घर में सुख-शांति और संपन्नता बनी रहती है।
इस दिवाली, अगर आप चाहते हैं कि मां लक्ष्मी का वास आपके घर में स्थायी रूप से हो, तो दीपक जलाने की सही दिशा और संख्या का पालन जरूर करें। कहते हैं, जहां दीपक की लौ स्थिर रहती है, वहीं सुख, समृद्धि और सौभाग्य का प्रकाश कभी मंद नहीं पड़ता।