नई दिल्ली : आसमान छूती महंगाई ने देश के हर परिवार की कमर तोड़ रखी है।ऐसे में सरकार से मंहगाई पर नकेल कसने की उम्मीद की जाती है लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है ।मंत्री ने कहा कि महंगाई का दबाव सबसे बड़ी चुनौती नहीं है। बल्कि ज्यादा से ज्यादा नौकरियों का सृजन और आर्थिक समानता के लक्ष्य को हासिल करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।

महंगाई नहीं है ‘लाल अक्षर’ वाली प्राथमिकता

वित्त मंत्री ( finance Minister) ने यु एस – इंडिया बिजनेस काउंसिल आइडिया समिट( US -India Business Council Ideas Summit) को संबोधित करते हुए कहा ,कुछ प्राथमिकताएं लाल अक्षर वाली होती है। जिसमें उन्होंने कहा कि नौकरियों का सृजन( Jobs) सामान धन वितरण, यानी आर्थिक समानता और देश को विकास के पथ पर आगे लेकर जाना लाल अक्षर वाली प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि उस लिहाज से देखा जाए तो महंगाई लाल अक्षर वाली प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि हमने पिछले कुछ महीनों में महंगाई में काबू पाने में सफलता हासिल कर दिखाया है।

महंगाई ने किया परेशान

आपको बता दें वैश्वीकरण कारणों के चलते जब वस्तुओं के दाम आसमान छूने लगे तो अप्रैल 2022 में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी पर जा पहुंचा है। जबकि जुलाई में यह घटकर 6.71 फीसदी पर आ गया है। महंगाई दर में बढ़ोतरी के बाद इस पर काबू पाने के लिए आरबीआई को 1.40 रेपो रेट बढ़ाना पड़ा तो सरकार को पेट्रोल एक्साइज ड्यूटी को कम करना पड़ा। साथ में सरकार ने गेहूं चीनी और आटा के एक्सपोर्ट पर रोक लगाया है। तो सरकार ने खाने के तेल के दामों में भी कमी लाने की इंपोर्ट ड्यूटी घटाया है।

निवेश को आकर्षित करेगा भारत

वित्त मंत्री ने कहा कि विकास की रफ्तार को तेज करने के साथ दो लक्ष्यों को प्राथमिकता दी गई है नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड ( NIF) को और प्रभावी कैसे बनाया जाए सरकार इसकी समीक्षा करेगी ।उन्होंने कहा कि भारत लगातार निवेश की आकर्षित कर रहा है

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