मैं जल्द आऊंगी…पति की मौत के बाद शारदा सिन्हा ने लिखा था…और फिर यूं चली गयी, मेरी इच्छा सुहागन बनकर दुनिया से…, बेटे से कहे ये आखिरी शब्द

I will come soon...after the death of her husband, Sharda Sinha had written...and then went away like this, my wish is to become a married woman from the world..., she said these last words to her son.

Sharda Sinha : आज पूरे पूर्वांचल में छठ पूजा की धूम है। घर में प्रसाद तैयार हो रहा है। गलियों को सजाया जा रहा है, लेकिन ना जाने फिर भी क्यों अजीब सा सूनापन है। छठ गीत तो बज रहा हैं, लेकिन फिर भी ना जाने क्यों आवाज का मर्म गुम सा हो गया है। शारदा सिन्हा का यूं चले जाना हर किसी को अखर गया। सोचा नहीं था, जो छठ पूजा शारदा सिन्हा के गीतों के बगैर पूरा नहीं होता था, वो इस छठ कैसे पूरा होगा। सब कुछ अधूरा,…अधूरा सा…। ये अहसास किसी एक के नहीं…ना जाने कितने लाखों-करोड़ों फैंस के हैं, जिन्हें शारदा सिन्हा की आवाज में माठी की महक और अपनों का अहसास होता था

 

शारदा सिन्हा अपने पति के कितना करीब थी, इसका अहसास इसी बात से होता है कि वो अपने पति के बिना सिर्फ डेढ़ महीने ही जिंदा रह सकी। शारदा सिन्हा ने जाते-जाते उन्होंने अपने बेटे के आगे अपनी आखिरी इच्छा रखी, जिसे जानने के बाद आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी।शारदा सिन्हा की इच्छा थी कि वो सुहागन इस दुनिया से जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हो सका तो उन्होंने जहां उनके पति को मुखाग्नि दी गई थी, वहीं अपने अंतिम संस्कार की इच्छा जताई।

 

उनके बेटे अंशुमन ने केंद्रीय मंत्री से इस बारे में बताया। अंशुमन ने बताया कि शारदा सिन्हा ने कहा, “मेरी इच्छा सुहागन बनकर ही इस दुनिया से जाने की थी, लेकिन वो हो नहीं सका। इसलिए मेरा भी अंतिम संस्कार वहीं करना जहां अपने पिता का किया था।”अंशुमन ने बताया कि पिता के निधन के बाद उनकी मां बहुत निराश रहने लगी थीं। उन्हें खुद पांच छह साल से कैंसर है, लेकिन फिर भी वह अपने पति की बीमारी में हर पल उनका ख्याल रखती रहीं। अंशुमन की मानें तो अपने पति के जाने के बाद शारदा में जीने की इच्छा खत्म हो गई थी।

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अक्टूबर 2024 के इस पोस्ट में बिहार कोकिला ने पति बृजकिशोर सिन्हा के निधन के बाद गहरी भावनाएं व्यक्त की थीं। शारदा सिन्हा महज डेढ़ महीने तक ही पति के बिना जीवित रह पाईं. इस पोस्ट में उन्होंने पति को याद करते हुए लिखा था- मैं जल्द आऊंगी. इसे अब उनके निधन से जोड़कर श्रद्धांजलि दी जा रही है। सितंबर 2024 में बृजकिशोर का निधन हुआ था, और इसके बाद शारदा ने अक्तूबर में अपने जन्मदिन पर एक भावुक पोस्ट लिखा था, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे उनके पति उनके जन्मदिन पर हर साल गुलाब के फूल उनके सिरहाने रखते थे।

 

पति के निधन के बाद से ही अकेली हो गयी थी शारदा सिन्हा 

शारदा सिन्हा ने पति बृजकिशोर सिन्हा की यादों को बहुत भावुक तरीके से साझा किया था. उन्होंने लिखा था कि कैसे उनके पति उनके जन्मदिन पर गुलाब के फूल देकर प्यारभरी शुभकामनाएं देते थे और फिर चटपटा नाश्ता तैयार करते थे. शारदा ने कहा कि बृजकिशोर के बिना यह दिन उनके लिए बहुत दुखदायी और शूल जैसा महसूस होता है.फेसबुक पोस्ट में शारदा सिन्हा ने अपनी आखिरी मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि 17 सितंबर की शाम को उन्होंने पति से कहा था कि वह तीन दिन में वापस लौट आएंगी, और बृजकिशोर ने उन्हें हाथ जोड़कर और डबडबाती आंखों से कहा था, आप बस स्वस्थ रहिए, जल्दी लौट आइए. यह उनकी आखिरी मुलाकात थी, और शारदा ने लिखा कि उस समय यह कोई नहीं जानता था कि उनकी आंखें आखिरी बार मिल रही थीं।

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तीन दिन में लौटने की बात…लेकिन 

फेसबुक पोस्ट में शारदा सिन्हा ने अपनी आखिरी मुलाकात का जिक्र करते हुए बताया कि 17 सितंबर की शाम को उन्होंने पति से कहा था कि वह तीन दिन में वापस लौट आएंगी, और बृजकिशोर ने उन्हें हाथ जोड़कर और डबडबाती आंखों से कहा था, आप बस स्वस्थ रहिए, जल्दी लौट आइए. यह उनकी आखिरी मुलाकात थी, और शारदा ने लिखा कि उस समय यह कोई नहीं जानता था कि उनकी आंखें आखिरी बार मिल रही थीं। शारदा सिन्हा ने आगे कहा कि उनके बच्चों वंदना और अंशुमान को भी ऐसा लगता था जैसे उनके पिता थोड़ी देर में लौट आएंगे. पोस्ट में उन्होंने उस चीरते सन्नाटे और शूल सी चुभन का जिक्र किया, जो वह महसूस कर रही थीं. शारदा सिन्हा ने अपनी आखिरी मुलाकात की एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें बृजकिशोर अपनी पोती को गोदी में लिये हुए थे, और शारदा द्रवित होकर उन्हें दिलासा देती दिख रही थीं. कई लोगों ने इस पोस्ट पर लिखा कि शारदा जी ने जो कहा था, वह सच हो गया. वह सच में जल्द ही अपने पति के पास चली गईं.

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