भारत में पहली बार हाइड्रोजन ट्रक लॉन्च: स्वच्छ भविष्य की ओर बड़ा कदम!

भारत में आज एक नया इतिहास रच दिया गया है। जिस हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी को अब तक सिर्फ भविष्य की कल्पना माना जाता था, वह अब सड़कों पर दौड़ने के लिए तैयार है। प्रदूषण से जूझ रहे देश को एक नई उम्मीद मिली है, क्योंकि टाटा मोटर्स और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने मिलकर भारत का पहला हाइड्रोजन ट्रक लॉन्च कर दिया है। यह केवल एक ट्रायल नहीं, बल्कि देश के स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर बढ़ता हुआ एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का सपना है कि भारत की सड़कें धुएं से मुक्त होकर हाइड्रोजन की शुद्ध ऊर्जा से रोशन हों।

देश में पहली बार हाइड्रोजन ट्रक का ट्रायल शुरू

प्रदूषण को कम करने और ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए भारत में हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों पर तेजी से काम किया जा रहा है। इसी दिशा में टाटा मोटर्स और IOCL ने मिलकर देश के पहले हाइड्रोजन ट्रक का ट्रायल शुरू किया है। यह ट्रक दो अत्याधुनिक तकनीकों पर आधारित होगा—पहला पूरी तरह से हाइड्रोजन से चलने वाला इलेक्ट्रिक ट्रक और दूसरा हाइड्रोजन इंटरनल कम्बस्चन इंजन (Hydrogen Internal Combustion Engine) से संचालित ट्रक। इस ट्रायल को सरकार के नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग से प्रदूषण कम करना है। अगले 18 महीनों में भारत के चार प्रमुख कॉरिडोर पर हाइड्रोजन से चलने वाली बसें और ट्रक चलाने की योजना बनाई गई है।

सरकार ने दी पायलट प्रोजेक्ट को हरी झंडी

इस पायलट प्रोजेक्ट को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने हरी झंडी दिखाई। सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सफल बनाने के लिए पाँच अलग-अलग पायलट परियोजनाएं चला रही है, जिसमें कुल 37 हाइड्रोजन वाहन और 9 हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन बनाए जाएंगे। ये वाहन प्रमुख मार्गों जैसे ग्रेटर नोएडा-दिल्ली-आगरा, भुवनेश्वर-कोणार्क-पुरी, अहमदाबाद-वडोदरा-सूरत, पुणे-मुंबई, तिरुवनंतपुरम-कोच्चि पर परीक्षण के लिए उतारे जाएंगे। इस मिशन को गति देने के लिए सरकार ने लगभग 208 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इस परियोजना में टाटा मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, अशोक लीलैंड, एचपीसीएल, बीपीसीएल और IOCL जैसी प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।

क्या हाइड्रोजन वाहन बनाएंगे भारत को प्रदूषण मुक्त?

सरकार का मानना है कि हाइड्रोजन ट्रकों का सफल परीक्षण होने के बाद देश में ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा मिलेगा। हाइड्रोजन एक स्वच्छ और बिना धुएं वाला ईंधन है, जिससे ऑटोमोबाइल क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। इस ट्रायल के दौरान ट्रकों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा और आवश्यक डेटा एकत्र किया जाएगा, जिससे हाइड्रोजन स्टेशन और चार्जिंग सुविधाओं को बेहतर बनाया जा सके। यदि यह परीक्षण सफल होता है, तो भारत में परिवहन के लिए हाइड्रोजन ईंधन का उपयोग व्यापक स्तर पर किया जा सकता है, जिससे पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी और देश को एक प्रदूषण-मुक्त भविष्य की ओर ले जाया जाएगा।

भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो दिखाता है कि देश स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है। यदि यह कदम सफल होता है, तो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में हाइड्रोजन ऊर्जा के उपयोग को लेकर एक नई क्रांति आ सकती है।

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