रांची: झारखंड में बड़ी तेजी से घटनाक्रम बदल रहा है। शुक्रवार को जब से ये खबर आयी है कि राज्यपाल की तरफ से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता रद्द कर दी गयी है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने को इस्तीफा देना पड़ सकता है। तभी से झारखंड में लगातार बैठकों का दौर चल रहा है। इसी बीच खबर ये है कि UPA महागठबंधन के विधायक छत्तीसगढ़ शिफ्ट किये जा सकते हैं। हालांकि पहले ये कहा जा रहा था कि बंगाल भी यूपीए के विधायक जा सकते हैं, लेकिन अब ये जानकारी आयी है कि झारखंड के महागठबंधन में विधायकों की खरीद फरोख्त की आशंका के बीच विधायकों को छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया जा सकता है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने यूपीए की बैठक के बीच बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वे लोग बैग-बैगेज के साथ आये हैं. स्थिति का आकलन कर रहे हैं. जरूरत पड़ेगी, तो यूपीए के विधायक झारखंड से बाहर जा सकते हैं.

जानकारी के मुताबिक अभी झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास पर यूपीए की बैठक हो रही है। बैठक में ही ये फैसला लिया जायेगा कि आखिर यूपीए विधायक रांची में ही रहेंगे या फिर बाहर जायेंगे। इससे पहले शुक्रवार को कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, बन्ना गुप्ता ने तो झारखंड से बाहर जाने से इंकार कर दिया था। लेकिन अब जो खबरें आ रही है कि खरीद फरोख्त की आशंका के मद्देनजर यूपीए विधायकों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा सकता है।

दरअसल इस वक्त छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है और झारखंड के पड़ोस में भी है, लिहाजा यूपीए के लिए छत्तीसगढ़ के एक सेफ जोन बन सकता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच अच्छे रिश्ते भी हैं। पिछले दिनों आदिवासी दिवस के दिन भी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री झारखंड गये थे। लिहाजा छत्तीसगढ़ टूटफूट की आशंका से कोसो दूर महागठबंधन के विधायकों के लिए बेहद सेफ जगह हो सकता है।
आपको याद होगा जब राज्यसभा का चुनाव था, तो उस दौरान भी हरियाणा से विधायकों को छत्तीसगढ़ ही लाया गया था, जिन्हें एक छत्तीसगढ़ के एक रिसोर्ट में ठहराया गया था और फिर जिस दिन राज्यसभा का चुनाव होना था, उससे एक दिन पहले विधायकों को छत्तीसगढ़ से हरियाणा भेजा गया था।

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