इनकम टैक्स पर 12 लाख की छूट से कितनी मिलेगी राहत, नये टैक्स स्लैब में आपको कितना देना होगा टैक्स,

Budget 2025 LIVE : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना बजट भाषण कुछ ही देर पहले खत्म कर दिया है। वित्त मंत्री 1 घंटे 15 मिनट का बजट भाषण दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 पेश करते हुए नए इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा की. अब 12 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. इस नए ढांचे से टैक्सपेयर्स के बीच खुशी का माहौल है।निर्मला सीतारमण ने किराए पर टीडीएस की सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी है। वहीं शिक्षा के लिए भेजे गए पैसे पर टीडीएस हटा लिया गया है। टैक्स रिटर्न दाखिल करने की सीमा बढ़ाकर 4 साल कर दी गई है।

Budget 2025 LIVE: इनकम टैक्स स्लैब

  • 4 लाख तक की इनकम पर कोई टैक्स नहीं
  • 4-8 लाख की इनकम पर 5 प्रतिशत टैक्स
  • 8-12 लाख की इनकम पर 10 प्रतिशत टैक्स
  • 12-16 लाख की इनकम पर 15 प्रतिशत
  • 16-20 लाख की इनकम पर 20 प्रतिशत टैक्स
  • 20-24 लाख की इनकम पर 25 प्रतिशत टैक्स
  • 24 लाख से ऊपर 30 प्रतिशत

जानें अब किस हिसाब से लगेगा टैक्स

12 से 16 लाख रुपये तक की आय पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा। जबकि 16 से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20 फीसदी टैक्स लगेगा। इसके अलावा 24 से 30 लाख तक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। यानी सरकार नया 25 फीसदी का एक स्लैब लेकर आएगी। नया टैक्स लगाने के बाद 18 लाख तक की कमाई पर सालाना 70,000 रुपये की बचत होगी। जबकि 12 लाख तक की सालाना कमाई पर 80 हजार रुपये की बचत होगी। वहीं 25 लाख रुपये की कमाई पर 1,10,000 रुपये की बचत होगी।

मिडिल क्लास को राहत

इस नए ढांचे का मुख्य उद्देश्य मिडिल क्लास को राहत देना है. पिछले कुछ वर्षों में इनकम टैक्स स्लैब में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ था, जिससे करदाताओं में निराशा थी. अब, सरकार ने इस समस्या का समाधान किया है, जिससे नौकरीपेशा और मध्यम आय वर्ग के लोगों को अधिक वित्तीय स्वतंत्रता मिलेगी.

अभी तक क्या था (2024-25)

इस समय न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं लगता. वहीं, 3 से 7 लाख तक की इनकम पर अभी 5 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं, 7 से 10 लाख रुपये तक की इनकम पर 10 फीसदी टैक्स देना होता है. इस समय 10 से 12 लाख रुपये तक की इनकम पर 15 फीसदी टैक्स लगता है.

1997-98: पहली बड़ी बढ़ोतरी

1997 में, तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आयकर की दरों में महत्वपूर्ण बदलाव किए. इस वर्ष, 5 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 40% का कर लगाया गया था, जो उस समय का सबसे उच्चतम स्तर था.

 

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