धनबाद: इतनी अव्यवस्था के बावजूद तुम खाना कैसे खाते हो…. और तुम्हें नींद कैसे आती है? सिविल सर्जन सिर्फ केवल नसीहत देने के लिए हो ?…. इंस्पेक्शन पर आये अपर मुख्य सचिव सदर अस्पताल की अव्यवस्था देख सिविल सर्जन पर भड़क गये। सिर्फ सिविल सर्जन आलोक विश्वकर्मा ही नहीं, सदर अस्पताल के नोडल प्रभारी डॉक्टर राजकुमार सिंह को भी तगड़ी फटकार लगा दी।

यूं तो धनबाद की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली किसी से छुपी नहीं है, गुरुवार को उस बदहाली का नजारा खुद ACS हेल्थ ने भी देख लिया। इंस्पेक्शन पर धनबाद पहुंचे अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह सदर अस्पताल की अव्यवस्था देख भड़क गये और मौके पर ही उन्होंने सिविल सर्जन को फटकार लगा दी। जिस तरीके से एसीएस ने सिविल सर्जन के कामकाज पर नाराजगी जतायी, उसे देखकर ये लगने लगा है कि कहीं सिविल सर्जन पर ही गाज ना गिर जाये। इस दौरान एक इंजीनियर को अपर मुख्य सचिव ने शो-कॉज जारी किया, वहीं मौके पर ही डीपीएम को बर्खास्त कर दिया।

हवाई चप्पल व गुटखा चबाते पहुंचे डीपीएम

इंस्पेक्शन के लिए एसीएस पहुंचे तो डीपीएम गौतम कुमार मौजूद नहीं थे। करीब 20 मिनट बाद दौड़ते-भागते डीपीएम सदर अस्पताल पहुंचे, तो उनका बॉडी लैंग्वेज लुंज पूंज था। हवाई चप्पल और गुटखा चबाते देख एसीएस ने तीखी नाराजगी जतायी और फिर नोटिस जारी कर तत्काल मौके पर ही बर्खास्त करने का आदेश दिया। भवन प्रमंडल के जूनियर इंजीनियर ने पीएसी प्लांट लगाने में लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए नोटिस जारी किया। अपर मुख्य सचिव का तेवर देख अधिकारी माथे से पसीना पोछते दिखे।

अपर मुख्य सचिव ने पूछा कि जब अस्पताल मं 25 से ज्यादा डाक्टर और 100 से ज्यादा कर्मचारी हैं, तो भी इंडोर में मरीज एडमिट क्यों नहीं हो रहे। सवाल पर अधिकारी बगले झांकते दिखे। वहीं कोरोना काल में अस्पताल में खरीदे गये बेड और सामान के अलावे उपकरण की खराब स्थिति देख भी सचिव ने नाराजगी जतायी। उन्होंने खुद ही अपने मोबाइल से सभी चीजों की तस्वीर ली।

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