धनबाद । सावधान यदि आप अस्पताल अपना इलाज कराने जा रहे तो जरा संभल कर, क्योंकि ऐसा न हो की आपका इलाज भी न हो और आपके कार्ड से राशि निकाल ली जाय। आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के नाम पर किस तरह लूट खसोट मची है इसका ताजा उदाहरण बरवाअड्डा में देखने को मिला। जहां अपने क्लीनिक के साइन बोर्ड में सीएम हेमंत सोरेन का फोटो लगाकर लोगो को ठग रहे है। इससे ज्यादा नीचता का स्तर क्या होगा की अपने आप को भगवान का स्वरूप मानने वाले चिकित्सक बिना इलाज लिए सरकारी पैसे डकार रहे हैं और मरीज का जन से खिलवाड़ कर रहे है।आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत इलाज के नाम पर गरीब ठगे जा रहे हैं. योजना का लाभ मरीजों को कम, अस्पतालों को ज्यादा मिल रहा है. इसी तरह का मामला गोमो में प्रकाश में आया है.

खेड़ाबेड़ा गांव निवासी तुलसी महतो की पत्नी कुमारी देवी (55 वर्ष) को पेट में दर्द की शिकायत थी. जांच में किडनी में स्टोन का पता चला. महिला ने धनबाद के बरवाअड्डा स्थित सनराइज अस्पताल में दिखाया. वहां आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 11 फरवरी को उसका ऑपरेशन हुआ. डॉक्टर ने बताया कि उसकी किडनी में 13 एमएम का स्टोन था, जिसे आपरेशन कर निकाल दिया गया है. इसके बाद उसे अस्पताल से छुट्टी भी मिल गई. लेकिन मरीज की परेशानी दूर नहीं हुई. 16 मार्च को उसने धनबाद के भदानी अस्पताल में जांच कराई, तो पता चला कि ऑपरेशन में किडनी का स्टोन निकला ही नहीं.

ये सुनते हीं मरीज के पैरों तले जमीन खिसक गई। आश्चर्य यह कि अस्पताल ने आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सरकार से ऑपरेशन मद में मिलने वाली राशि भी निकाल ली. महिला के पति तुलसी महतो ने गांव लौटकर घटना की जानकारी स्थानीय मुखिया और ग्रामीणों को दी. इससे ग्रामीणों में अस्पताल के प्रति रोष है. ग्रामीणों ने गोलबंद होकर इसकी शिकायत जिला प्रशासन से करने की ठानी है. वहीं, 17 मार्च को अस्पताल जाकर मामले को उजागर करने का भी मन बनाया है.

अस्पताल प्रबंधक ने कहा आरोप बेबुनियाद

इस संबंध में पूछे जाने पर सनराइज अस्पताल, बरवाअड्डा के मैनेजर कुणाल कुमार ने कहा कि मरीज द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद और गलत है. मरीज कुमारी देवी की किडनी 90% खराब हो चुकी है. उसे बेहतर इलाज के लिए टाटा मेमोरियल अस्पताल जाने का सुझाव दिया गया है. उन्होंने बताया कि अस्पताल ने किडनी में स्टोन का ऑपरेशन किया ही नहीं. केवल किडनी में डीजे स्टैंड लगाया गया है, ताकि किडनी की स्थिति और नहीं बिगड़े. पूरे इलाज में 7 हज़ार रुपए खर्च पड़ा होगा.

पहले भी होते रहे हैं जिले भर के अस्पताल में बंदरबांट

जब से आयुष्मान योजना आई है तब से अस्पतालो को लूट खसोट का एक जरिया मिल गया है। कुछ दिन पहले भी जिले भर में अस्पताल द्वारा में आयुष्मान योजना खूब गड़बड़ी की गई थी, जिसकी शिकायत आने के बाद आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाली राशि रोक दी गई थी। फिर से आयुष्मान योजना पर लूट खसोट जारी है।

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