साहिबगंज जिले भर में बच्चो की स्वास्थ्य जांच के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम( RBSK) के अंतर्गत कुल 15 आयुष चिकित्सक पदस्थापित है। विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बोरियो में 4,बरहेट में 2,पतना में 2,बरहरवा में 3, राजमहल में 2, तालझारी में 1, साहिबगंज में 3 आयुष चिकित्सक पदस्थापित है।

मूल रूप से इन आयुष चिकित्सक का काम स्कूली बच्चो का समय समय पर स्वास्थ्य जांच करना है,एवम स्वास्थ्य संबंधी सलाह देना है। पर इन दिनों आयुष चिकित्सक एलोपैथी की ओपीडी चला रहे है।कई आयुष चिकित्सक तो अपने क्लिनिक में एलोपैथी क्लिनीक चला रहे है जो कि मरीज की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे है।

नेशनल कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन बिल 2019 के स्पष्ट निर्देश है कि आयुष चिकित्सक को एलोपैथी विधि से उपचार नही करना है,साथ ही समय समय पर राज्य सरकार भी इस सम्बंध में निर्देश जारी करती रहती है। इसके बाबजूद आयुष चिकित्सक एलोपैथी उपचार करते रहे है।

ताज़ा मामला राजमहल प्रखंड का है जहां आयुष चिकित्सक डॉ जुल्फिकार रहमान एलोपैथी उपचार करते है।पेशे से होम्योपैथी चिकित्सक राजमहल में ओपीडी और आपातकालीन सेवा में लगे रहते है।मूल रूप से पतना में पदस्थापित डॉ रहमान पर लापरवाही का आरोप लगा है,जिसमें एक बच्ची की मौत हो गई थी।

मामले में जिले के उपायुक्त ने दोषी पर कड़ी कारवाई का आदेश दिया है।जांच के जिम्मा जिले के एस डी ओ(SDO) को दिया है। पुलिस भी अपने स्तर से जांच कर राशि है।

दोषी कौन

मामले में दोषी कौन ये तो जांच का विषय है।परंतु आयुष चिकित्सक को ओपीडी में सेवा लेने वाले पदाधिकारी पर भी कारवाई होनी चाहिए जिन्होंने आयुष चिकित्सक की ड्यूटी लगाई। साथ ही जिले के सिविल सर्जन जो जिला के स्वास्थ्य विभाग के मुख्य पदाधिकारी होते है उन्हें इस बात की जानकारी तक नही होती की किन चिकित्सक से कहाँ ड्यूटी ली जा रही है?
बहरहाल एक परिवार से एक बच्ची तो छीन गई ,न्याय की उम्मीद जिला के पदाधिकारी से अवश्य है पर भविष्य में किसी भी मरीज की जान से खिलवाड़ न किया जाय इस बात का सख्त निर्देश भी स्वास्थ्य विभाग को अवश्य जारी करनी चाहिए।

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