रांची: झारखंड में हाई स्कूलों में शिक्षक नियुक्ति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को आदेश का पालन करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में सफल उम्मीदवारों की लिस्ट बनाएं। कहा कि मेरिट लिस्ट में शामिल शिक्षकों को किस जिले में कहां काम करना है उसके चयन का विकल्प भी देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले अभ्यर्थियों का भी अलग मेरिट लिस्ट बनाकर उसकी नियुक्ति करनी होगी।

बता दे कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य सचिव को 2 दिसंबर की सुनवाई में हाजिर होने को कहा था। सोनी कुमारी ने इस बाबत अदालत में अवमानना याचिका दायर की थी।

2016 में 17 हजार से ज्यादा पदों पर निकली थी वैकेंसी

साल 2016 की ननियोजन नीति के तहत झारखंड के 13 अनुसूचित जिलों के सभी तृतीय और चतुर्थवर्गीय पदों को उसी जिले के निवासियों के लिए आरक्षित किया गया था। वहीं गैर अनुसूचित जिलों में बाहरी अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने की छूट दी गई थी। इसनीति के तहत साल 2016 में अनुसूचित जिलों में 8,423 और गैर अनुसूचित जिले में 9,149 पदों पर कुल 17,572 शिक्षकों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी। बता दें कि इसे लेकर लंबे समय से विवाद है। कई जिलों में नियुक्तियां हो गई है। वहीं कई जिलों में नियुक्तिया लंबित है।

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मुख्य सचिव को दिया निर्देश

आपको बता दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि राज्य सरकार आदेशों का पालन ना करक अपने अनुसार काम कर रही है। कोर्ट ने कहा था कि नियोजन नीति के तहत जिनकी नियुक्ति हो गयी है, उन्हें ना हटाया जाये और सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में जिन लोगों ने याचिका लगायी है, उनमें से वैसे लोगों की भी नियुक्ति की जाये, जिन्होंने नियुक्त हुए लोगों से अधिक अंक लाये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार अपना ध्यान रख रही है। जिन्होंने सरकार की नीति को गलत नहीं बताया।

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