भोगनाडीह हिंसा पर बोले हेमलाल मुर्मू: ‘सरकारी मेला है, रुकावट बर्दाश्त नहीं’….घटना में दो पुलिसकर्मी भी हुए हैं घायल

Hemlal Murmu spoke on Bhognadih violence: 'It is a government fair, obstruction will not be tolerated'...two policemen were also injured in the incident

पाकुड़। हूल दिवस पर भोगनाडीह में आयोजित कार्यक्रम के दौरान हुई हिंसा ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। भाजपा जहां इस मामले में सरकार और प्रशासन को घेर रही है, तो वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के केंद्रीय प्रवक्ता और लिट्टीपाड़ा विधायक हेमलाल मुर्मू ने इसमें साजिश की आशंका जतायी है। आपको बता दें कि कार्यक्रम स्थल पर पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए।

 

झड़प के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे, जिसके जवाब में ग्रामीणों ने पथराव और तीर चलाए। लिट्टीपाड़ा विधायक हेमलाल मुर्मू ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि “यह कार्यक्रम अब एक सरकारी मेला बन चुका है, जिसे बाधित करने का किसी को अधिकार नहीं है।”

 

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से कुछ असामाजिक तत्व कार्यक्रम स्थल पर बैरियर लगाने और चोड़का (लकड़ी का स्तंभ) गाड़ने की कोशिश कर रहे थे, जिससे स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी। हेमलाल मुर्मू ने कहा, “सिदो-कान्हू के वंशज को छोड़ सभी मंच पर आए थे, लेकिन एक व्यक्ति जो मंच पर आने से मना कर धमकी दे रहा था, उसकी मंशा समझ से परे है।”

 

उन्होंने घटना में गंभीर रूप से घायल हुए पुलिसकर्मियों का जिक्र करते हुए बताया कि एक को कुल्हाड़ी और दूसरे को तीर लगा है। उन्होंने हिंसा फैलाने वालों की विचारधारा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि “ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”

 

राजनीतिक बयानबाज़ी तेज

हूल दिवस पर आदिवासियों पर लाठीचार्ज को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी नाराजगी जाहिर की है। भाजपा नेताओं ने सवाल उठाए हैं कि आखिरकार शांतिपूर्ण आयोजन के दौरान पुलिस को बल प्रयोग की आवश्यकता क्यों पड़ी।घटना के बाद भोगनाडीह में शांति बहाल कर दी गई है, लेकिन इलाके में पुलिस की गश्त और कैंपिंग जारी है। हालांकि, स्थानीय ग्रामीणों में अब भी आक्रोश देखा जा रहा है। प्रशासन की ओर से हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

Related Articles