हेमंत के दो मंत्री भिड़े: “ज्यादा जानकार हो गये हैं, हर बात में फुदकने लगे हैं….” विधानसभा में ही दो मंत्रियों की हो गयी भिड़ंत..

Two ministers of Hemant clashed: "He has become more knowledgeable, he has started jumping on every issue...." Two ministers clashed in the assembly itself.

Jharkhand Vidhansabha : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में आज सत्ता पक्ष के लिए बहुत ही असहज स्थिति हो गयी। सदन में हेमंत सरकार के दो मंत्री आपस में भिड़ गये। हालांकि हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हो गया। शुक्रवार को हेमंत सोरेन सरकार के दो मंत्रियों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और नगर विकास मंत्री सुदिव्य सोनू के बीच हुई इस बहस ने सदन के माहौल को गरमा दिया।

 

प्रदीप यादव ने उठाया था सवाल

ये मामला गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज को लेकर उठे सवाल से शुरू हुआ और बाद में तकरार तक जा पहुंचा। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज शुरू करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि यह कॉलेज कब बना और यहां पढ़ाई कब शुरू होगी। इस पर कांग्रेस के ही जामताड़ा से विधायक और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदीप यादव पांच बार विधायक रह चुके हैं, फिर भी अब तक नर्सिंग कॉलेज नहीं खुलवा पाए।

 

इरफान अंसारी ने प्रदीप यादव पर किया कटाक्ष

प्रदीप यादव ने इस बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि कॉलेज पहले ही बन चुका है, लेकिन सवाल यह है कि यहां पढ़ाई कब शुरू होगी। उन्होंने मंत्री इरफान अंसारी से कहा कि पहले सवाल ठीक से पढ़ लें और फिर जवाब दें। इस पर इरफान अंसारी ने पलटकर कहा कि अगर आपको पता है कि कॉलेज कब बना, तो आप ही बता दीजिए।

 

मंत्री सुदिव्य सोनू और इरफान अंसारी भिड़े

इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे नगर विकास मंत्री सुदिव्य सोनू ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जवाब वस्तुनिष्ठ होना चाहिए और कटाक्ष से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन की मर्यादा बनाए रखना जरूरी है।

 

ज्यादा फुदकने लगे हैं”

उनकी यह बात सुनकर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी भड़क गए और बोले कि यह मामला उनके और प्रदीप यादव के बीच का है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि मंत्री सुदिव्य सोनू बहुत जानकार हो गए हैं और हर बात में फुदकने लगते हैं।सुदिव्य सोनू ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि यह सदन किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है और यह लोकाचार का मामला है। उनकी इस टिप्पणी से बहस और तेज हो गई।

 

विपक्ष ने सत्ताधारी दलों पर साधा निशाना 

इस पूरे घटनाक्रम पर विपक्ष ने सरकार को घेरने का प्रयास किया। भाजपा विधायकों ने कहा कि सरकार के मंत्री आपस में ही उलझे हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार के भीतर समन्वय की कमी है। विपक्ष ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय सरकार के मंत्री आपसी बहस में समय बर्बाद कर रहे हैं।

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