हेमंत सोरेन-कल्पना सोरेन ने किया मतदान: मुख्यमंत्री वोटिंग के बाद बोले, विपक्ष की साजिशों का होगा अंत, जीतेगा झारखंड, कल्पना ने आधी आबादी…

Hemant Soren-Kalpana Soren voted: Chief Minister said after voting, conspiracies of the opposition will end, Jharkhand will win, Kalpana voted for half the population...

Jharkhand Election 2024: झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हो रहा है। पहले चरण के चुनाव का करीब 4 घंटा गुजर चुका है। झारखंड में लगभग सभी प्रमुख चेहरों ने अपना अपना मतदान कर दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन ने आज मतदान किया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मतदान के बाद नीली स्याही लगी अंगुली के साथ फोटो को पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि विपक्ष की साजिशों का होगा अंत, जीतेगा झारखंड।

 

वहीं हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया। झारखण्ड की आधी आबादी चुनेगी अपना मान, अपना सम्मान। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन ने हटिया विधानसभा के बूथ नंबर 290 में मतदान किया। दोनों पति-पत्नी साथ में संत फ्रांसिस स्कूल वोट डालने पहुंचे थे। झारखंड के सीएम और बरहेट से जेएमएम उम्मीदवार हेमंत सोरेन ने कहा, “आज हमने अपने-अपने मतदान केंद्रों पर वोट डाला है। मैं झारखंड के लोगों से अपील करता हूं कि वे देश के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बाहर आएं और वोट डालें।”

हेमंत के चेहरे पर पहला चुनाव

झारखंड राज्य के गठन के बाद से ही झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की चुनावी रणनीति से लेकर प्रचार अभियान तक, दिशोम गुरु यानि शिबू सोरेन ही धुरी रहे हैं। इस बार के चुनाव में पहली बार ऐसा है कि पार्टी की रणनीति से लेकर प्रचार अभियान और फैसलों तक, पूरी कमान हेमंत सोरेन के हाथ हैं। उम्मीदवारी का सवाल हो या गठबंधन का, जेएमएम की डिसाइडिंग सीट पर हेमंत सोरेन ही नजर आए हैं। हेमंत के साथ ही उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी चुनाव प्रचार में खासी एक्टिव नजर आ रही हैं जो सियासत और सार्वजनिक जीवन से दूरी बनाए रखने के लिए पहचान रखती थीं। हेमंत तो पहले भी सीएम रहे हैं लेकिन यह पहला ही मौका है जब वे जेएमएम के चुनाव अभियान का सेंटर पॉइंट बने हैं।

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यह चुनाव स्वास्थ्य कारणों से शिबू सोरेन की सियासत से दूरी के बीच हेमंत के लिए सर्वाइवल का सवाल बन गया है। यह चुनाव हेमंत के लिए एग्जिस्टेंस का सवाल भी माना जा रहा है। यह सवाल इसलिए भी गहरा हो गया है क्योंकि चंपाई सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम जैसे कद्दावर नेता चुनाव के पहले ही हेमंत और जेएमएम का साथ छोड़कर विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में जा चुके हैं।

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