हेमंत सोरेन को बड़ी राहत: BMW कार की जब्ती को लेकर जारी हुआ आदेश, ED को तुरंत कार छोड़ने का मिला आदेश
Big relief for Hemant Soren: Order issued regarding seizure of BMW car, ED gets order to release the car immediately

Hement Soren News : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए दीपावली के पहले अच्छी खबर आयी है। दिल्ली स्थित पीएमएलए (PMLA) अपीलीय ट्रिब्यूनल ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली आवास से जब्त की गई बीएमडब्ल्यू कार को तत्काल प्रभाव से छोड़ने का आदेश प्रवर्तन निदेशालय (ED) को दिया है।
अपने फैसले में ट्रिब्यूनल ने कहा है कि इस आदेश के बाद ईडी कार पर अब कोई दावा नहीं कर सकेगी, लेकिन यदि भविष्य में इस मामले से संबंधित नए साक्ष्य सामने आते हैं तो एजेंसी कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र रहेगी।यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा है कि कार की जब्ती अब उचित नहीं ठहराई जा सकती क्योंकि जांच के दौरान इससे जुड़ा कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया।
ट्रिब्यूनल ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में कोई नया या ठोस सबूत सामने आता है जो इस कार को कथित जमीन घोटाले से जोड़ता हो, तो ईडी कानून के दायरे में रहकर आगे की कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगी।
जानिये क्या है पूरा मामला?
दरअसल 29 जनवरी 2024 को ईडी ने रांची से जुड़े कथित जमीन घोटाले की जांच के सिलसिले में दिल्ली स्थित हेमंत सोरेन के आवास पर छापा मारा था। यह तलाशी अभियान सुबह से देर रात तक चला था। ईडी की टीम ने उस दौरान कई डिजिटल उपकरण, दस्तावेज़ और एक लग्जरी बीएमडब्ल्यू कार जब्त की थी।
जिसको बाद, हेमंत सोरेन ने ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध बताया था। उन्होंने कहा था कि एजेंसी विपक्ष शासित राज्यों के नेताओं को निशाना बना रही है।
22 मई 2025 को ट्रिब्यूनल ने पहले ही आदेश दिया था कि तलाशी के दौरान जब्त किए गए डिजिटल उपकरण, मोबाइल फोन, लैपटॉप और अन्य निजी वस्तुएं लौटाई जाएं। इसके बाद, बीएमडब्ल्यू कार से संबंधित अपील पर सुनवाई जारी थी।
ट्रिब्यूनल का फैसला
सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन के वकीलों ने दलील दी कि ईडी ने कार जब्त करने का कोई ठोस कानूनी आधार नहीं बताया था। कार की खरीद और स्वामित्व से संबंधित सभी दस्तावेज़ वैध थे और वाहन का किसी भी अवैध लेनदेन से कोई संबंध नहीं था।
इन दलीलों को देखते हुए पीएमएलए अपीलीय ट्रिब्यूनल ने कहा कि कार जब्ती को अब बरकरार रखना उचित नहीं है और इसे तत्काल छोड़ने का आदेश दिया जाता है। हालांकि, ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि “यदि भविष्य में कोई नया सबूत सामने आता है, तो ईडी को कानून के अनुसार आगे की कार्रवाई करने से रोका नहीं जाएगा।”