रांची। राज्य सरकार ने डाक्टर को बर्खास्त कर दिया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पाकुडिया में पदस्थ चिकित्सा पदाधिकारी डा गुणाधर मांझी को सेवा से बर्खास्त करने का प्रस्ताव बुधवार को कैबिनेट में आया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने बर्खास्तगी का आदेश जारी कर दिया। वहीं पुलिसकर्मियों को राज्य सरकार ने बड़ी सौगात देते हुए एक माह के मूल वेतन के बराबर मानदेय भुगतान के रूप में क्षतिपूर्ति अवकाश की देयता को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है।

राज्य सरकार ने चुनाव कार्य के दौरान किसी कर्मी की मौत होने की स्थिति में कर्मी को अनुग्रह क्षतिपूर्ति अनुदान राशि में किसी प्रकार की कटौती नहीं करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब मौत होने की स्थित में पैतृक विभाग से प्राप्त राशि के साथ-साथ निर्वाचन विभाग से देय राशि भी मिलेगी। पहले यह प्रविधान था कि दोनों में से कोई एक राशि ही मिलेगी।

आइये देखते हैं कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने से क्या कुछ फैसला लिया है। …

  • झारखण्ड पुलिस के अराजपत्रित कर्मियों में से चतुर्थवर्गीय कर्मी, सिपाही, हवलदार, सहायक अवर निरीक्षक, अवर निरीक्षक एवं निरीक्षक देय एक माह के मूल वेतन के बराबर मानदेय भुगतान के संबंध में क्षतिपूर्ति अवकाश की देयता को पुनः बहाल करने की स्वीकृति दी गई।
  • डॉ० गुणाधर मांझी, तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पाकुडिया, पाकुड़ सम्प्रति चिकित्सा पदाधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, रायडीह गुमला, को सेवा से बर्खास्त करने की स्वीकृति दी गई।
  • स्पेशल ऑक्जलरी पुलिस (SAP) के दोनों वाहिनियों का कार्यकाल विस्तार एवं अनुबंध पर कार्यरत पदाधिकारियों/कर्मियों के अवधि विस्तार की स्वीकृति दी गई।
  • सप्तम वेतन पुनरीक्षण के फलस्वरूप नई वेतन संरचना में वेतन निर्धारण हेतु विकल्प चयन की स्वीकृति दी गई।
  • लोक सभा/ विधान सभा/ शहरी स्थानीय निकाय/ पंचायत चुनाव के दरम्यान निर्वाचन कार्य में प्रतिनियुक्त कर्मियों को नक्सली/उग्रवादी हिंसात्मक घटनाओं/दुर्घटना से आकस्मिक मृत्यु/ अपंगता की स्थिति में अनुग्रह क्षतिपूर्ति अनुदान के संबंध में निर्गत संकल्प संख्या-208, दिनांक-13.09.2019 में संकल्प संख्या-87, दिनांक-19.08.2021 द्वारा किये गये आंशिक संशोधन को निरस्त करने की स्वीकृति दी गई।
  • बिजय कुमार, झारखंड प्रशासनिक सेवा, जिला परिवहन पदाधिकारी हजारीबाग को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा W.P.(S) NO.944/2020 में पारित आदेश के आलोक में अनुमंडल पदाधिकारी एवं समकक्ष कोटि में प्रदान की गई वैचारिक प्रोन्नति का वित्तीय लाभ प्रदान करने की स्वीकृति दी गई।
  • झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा W.P.(S) No- 5453/2018 में दिनांक 20 दिसंबर 2018 को पारित आदेश के अनुपालन के क्रम में भरत लाल, कंप्यूटर ऑपरेटर-सह-टंकक, अभियंता प्रमुख-सह-अपर आयुक्त-सह-विशेष सचिव का कार्यालय, ग्रामीण कार्य विभाग, झारखंड रांची के का०प्र०सु० तथा रा०विभाग की अधिसूचना संo-1348 दिनांक 13 फरवरी 2015 द्वारा अधिसूचित एवं अधिसूचना संख्या-4871 दिनांक 20 जून 2019 द्वारा यथा संशोधित सेवा नियमितीकरण नियमावली के प्रावधानों के तहत सेवा नियमित करने की स्वीकृति दी गई।
 

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