धनबाद : झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह द्वारा मांगी गयी इच्छा मृत्यु व मौत के बाद अंग दान करने के मामले में बुधवार को एमपी एमएलए न्यायालय के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार की अदालत में फिर सुनवाई हुई.

संजीव सिंह के अधिवक्ता मो जावेद ने कहा है कि बेहतर इलाज उनका संवैधानिक अधिकार था, लेकिन उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है. गरिमा के साथ जीने नहीं दे रहे हैं, तो उन्हें इच्छा मृत्यु दे दी जाये.

वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक अवधेश कुमार ने कहा कि सीआरपीसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए इस आवेदन को खारिज किया जाये. अदालत दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश पारित करने की बात कही है..

कोर्ट ने जेल प्रशासन को आदेश दिया है कि जहां संजीव सिंह की जांच की समुचित व्यवस्था हो, वहां उनकी जांच कराई जाए। 11 जुलाई से ही संजीव सिंह धनबाद के एसएनएमएमसीएच में इलाजरत हैं।

उन्होंने बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के मैक्स अस्पताल या सीएमसी के वेल्लोर में रेफर करने की मांग न्यायालय से की थी। अधिवक्ता के माध्यम से संजीव ने न्यायालय से गुजारिश की थी कि यदि उन्हें दिल्ली या वेल्लोर नहीं भेजा जा सकता तो उन्हें धनबाद के किसी निजी अस्पताल में बेहतर इलाज की अनुमति दी जाए।

पहले न्यायालय ने संजीव सिंह को रिम्स रेफर करने को कहा था, जिस पर संजीव सिंह ने रिम्स जाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि वहां उन्हें जान का खतरा है। तीन दिनों तक चली बहस के बाद गुरुवार को संजीव सिंह को असर्फी अस्पताल, एशियन जालान या पाटलिपुत्र नर्सिंग होम में जांच कराने की अनुमति कोर्ट से मिल गई है।

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