प्रधानमंत्री की दिवाली : गाना सुना और जवानों को मिठाई खिलाई, प्रधानमंत्री ने सुनाया कई किस्से….
Prime Minister's Diwali: He sang songs and fed sweets to soldiers, and he narrated many stories....

PM Diwali In Vikrant : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को गोवा में भारतीय नौसेना के गौरव INS विक्रांत पर नौसैनिकों के साथ दिवाली मनाई। करीब 40 मिनट का संबोधन में इस दौरान मुख्यमंत्री ने INS विक्रांत को आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक बताया। पीएम ने कहा कि भारतीय सेनाओं के समन्वय ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था। इस दौरान उन्होंने नौसैनिकों के साथ मिठाई बांटी, गाना गाया और ‘बड़ा खाना’ में शामिल होकर त्योहार का उत्सव साझा किया।
यह 12वीं बार है जब उन्होंने देश की सुरक्षा में तैनात सैनिकों के साथ दीपावली मनाई है। इस दौरान उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि INS विक्रांत आज आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया का जीता-जागता प्रतीक है।प्रधानमंत्री रविवार को ही गोवा पहुंच गए थे। उन्होंने रात को नौसैनिकों के साथ समय बिताया, उनसे बातचीत की, मिठाई बांटी और गीत गाए।
सोमवार को उन्होंने करीब 40 मिनट का प्रेरक भाषण दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा,“INS विक्रांत ने पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ा दी थी। जिसका नाम ही दुश्मन का चैन छीन ले, वो INS विक्रांत है। यह भारत की शक्ति, आत्मनिर्भरता और समुद्री सामर्थ्य का प्रतीक है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि महासागर को चीरता हुआ स्वदेशी विक्रांत भारत की सैन्य क्षमता का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय नौसेना, वायुसेना और थलसेना के समन्वय ने “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।“भारतीय नौसेना के पैदा किए गए भय ने, भारतीय वायुसेना के अद्भुत कौशल ने और भारतीय सेना की जाबांजी ने पाकिस्तान को बहुत जल्दी हार मानने पर मजबूर किया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर आंतरिक सुरक्षा को लेकर भी अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा,“2014 से पहले देश के करीब 125 जिले माओवादी हिंसा की चपेट में थे। बीते 10 सालों में हमारी निरंतर कोशिशों से यह संख्या घटकर केवल 11 रह गई है, और इनमें भी माओवाद का असर अब महज 3 जिलों में सीमित है। आज 100 से ज्यादा जिले माओवादी आतंक से मुक्त होकर पहली बार खुली हवा में शानदार दिवाली मना रहे हैं।”
उन्होंने जवानों के समर्पण और त्याग की सराहना करते हुए कहा कि उनके भीतर अनुशासन और देशभक्ति की जो भावना है, वही भारत को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।
“मैं कल से आपके बीच हूं, बहुत कुछ सीखा है। आपकी तपस्या और साधना इतनी ऊंचाई पर है कि उसे महसूस करना कठिन है, लेकिन मैंने जाना जरूर है कि इसे जीना कितना चुनौतीपूर्ण होता है।”
दिवाली उत्सव के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने नौसैनिक अधिकारियों और जवानों के साथ पारंपरिक ‘बड़ा खाना’ में हिस्सा लिया। यह भारतीय सशस्त्र बलों की एक गौरवशाली परंपरा है, जिसमें सभी रैंक के अधिकारी और सैनिक एक साथ बैठकर भोजन करते हैं। इस परंपरा का उद्देश्य आपसी एकता, सौहार्द और सम्मान की भावना को मजबूत करना है।
बीते 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी दिवाली के मौके पर चार बार जम्मू-कश्मीर, एक बार कच्छ (गुजरात), और अब गोवा में नौसैनिकों के बीच पहुंचे हैं। हर बार उन्होंने देश की सीमाओं पर तैनात जवानों के साथ त्योहार मनाकर “हम सब एक हैं” का संदेश दिया है।