HEALTH TIPS: शरीर देता है इशारे, पर हम समझ नहीं पाते!” — साइलेंट हार्ट अटैक कैसे बनता है मौत का खामोश खतरा?
ना दर्द, ना चेतावनी! जानिए क्यों महिलाओं, डायबिटीज और हाई बीपी मरीजों के लिए छिपा हुआ हार्ट अटैक बन सकता है जानलेवा

HEALTH TIPS: पिछले कुछ वर्षों में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े हैं, लेकिन उनमें भी साइलेंट हार्ट अटैक या हिडन मायोकार्डियल इंफार्क्शन (MI) की संख्या चौंकाने वाली है। ये ऐसे दिल के दौरे होते हैं जो बिना किसी स्पष्ट चेतावनी या पारंपरिक लक्षणों के सामने आते हैं और अक्सर तब पकड़ में आते हैं जब शरीर में नुकसान हो चुका होता है।
HEALTH TIPS: साइलेंट हार्ट अटैक कितना खतरनाक?
जब हार्ट की मांसपेशियों तक ऑक्सीजन युक्त खून नहीं पहुंचता, तो वे क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। ये स्थिति कोरोनरी आर्टरी में रुकावट की वजह से होती है। लेकिन जब यह सब कुछ बिना सीने में दर्द या तेज लक्षणों के हो, तो खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यही होता है साइलेंट हार्ट अटैक में।
कैसे पहचानें साइलेंट हार्ट अटैक?
हल्की थकान
अचानक घबराहट
थोड़ी देर के लिए सांस फूलना
बदहजमी या गैस जैसी स्थिति
इन लक्षणों को अक्सर आम बीमारी समझकर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकता है।
HEALTH TIPS: किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा?
महिलाएं: इनमें लक्षण कम स्पष्ट होते हैं।
डायबिटीज के मरीज: नसों की संवेदनशीलता कम होने से दर्द का एहसास नहीं होता।
उम्रदराज लोग: अन्य बीमारियों की मौजूदगी साइलेंट अटैक की पहचान को मुश्किल बना देती है।
हाई ब्लड प्रेशर: कमजोर धमनियों की वजह से रिस्क अधिक।
HEALTH TIPS: कैसे करें बचाव?
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करें: ब्लॉकेज से बचने के लिए इसे नियमित जांचें।
संतुलित डाइट लें: फाइबर, फल, हरी सब्जियां और कम वसा वाला भोजन अपनाएं।
फिजिकल एक्टिविटी: रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक या व्यायाम करें।
धूम्रपान और अल्कोहल से दूरी: ये हृदय की धमनियों को नुकसान पहुंचाते हैं।
नियमित चेकअप: BP, शुगर और ECG की समय-समय पर जांच जरूरी है।
चौंकाने वाले आंकड़े:
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, 70-80% कोरोनरी आर्टरी डिजीज वाले लोग साइलेंट अटैक से प्रभावित होते हैं।
मिडिल एज पुरुषों में 2-4% साइलेंट इस्केमिया ट्रेडमिल टेस्ट में पकड़ा गया।
कुल मायोकार्डियल इंफार्क्शन में से 20-30% साइलेंट हार्ट अटैक होते हैं।
हार्ट अटैक हमेशा तेज दर्द या ड्रामेटिक सीन की तरह नहीं आता। यह चुपचाप आता है, शरीर के संकेतों को अनदेखा करना जानलेवा हो सकता है। इसलिए आज से ही अपने दिल की सुरक्षा का संकल्प लें। हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और नियमित जांच कराएं। क्योंकि सावधानी ही असली इलाज है।