स्वास्थ्य मंत्री जी किस काम के ये स्वास्थ्य अधिकारी: 6 बच्चों की मौत के बाद एक और महामारी का इंतजार! 4 महीने से…

Health Minister, what are these health officers good for: After the death of 6 children, we are waiting for another epidemic, for 4 months...

Dhanbad: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लाख दावे कर रहे हों पर व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही। ऐसा की एक मामला जिले  के गोविंदपुर प्रखंड का है जहां के प्रभारी को एक और महामारी का इंतजार हैं।

क्या है मामला

अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना विभाग की जिम्मेदारी होती है। बच्चों के मृत्यु दर कम करना और  स्वस्थ रखने में प्रतिरक्षण का अहम योगदान होता है। परंतु जिले के गोविंदपुर chc के प्रभारी को एक महामारी का इंतजार है क्योंकि पिछले चार महीने से प्रभारी न तो प्रतिरक्षण कार्य करा रहे है न ही वहां प्रतिरक्षण कार्य कराने के लिए तत्पर ही दिख रहे।

6 बच्चों की हो चुकी है मौत

2 साल पूर्व ही मिजिल्स के प्रकोप से 6 बच्चों की मौत का आंकड़ा विभाग दे चुकी है। मालूम हो कि उस वक्त भी गोविंदपुर chc अंतर्गत बड़े क्षेत्र में प्रतिरक्षण का कार्य नहीं कराया जा रहा था।स्थिति इतनी भयावह हो गई थी कि दिल्ली से भी स्वास्थ्य विभाग की टीम को दौरा करना पड़ा था। उस वक्त तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ आलोक विश्वकर्मा थे।

4 महीने से नहीं हो रहा प्रतिरक्षण

ग्रामीणों ने बताया कि सरकारडीह स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत क्षेत्र में ANM दीदी की सेवानिवृत्ति के बाद प्रतिरक्षण कार्य बंद है। बार बार अधिकारियों तक बात पहुंचाने के वावजूद प्रतिरक्षण कार्य नहीं कराया जा रहा है। करीब 10आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहां की सहिया से लेकर सेविका  के माध्यम से ये बात पहुंचाई जा रही है।

किस काम के ये अधिकारी

जिले के तमाम आला अधिकारी से लेकर WHO के भी अधिकारी तक जानकारी होने के वावजूद इम्यूनाइजेशन नहीं कराए जाने पर  किसी अधिकारी द्वारा सुधि नहीं लेना समझ से परे है। जबकि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था  आंकड़े के खेल में निचले पायदान पर है। मतलब साफ है कि स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ नहीं होने में अधिकारियों की जिम्मेदारी कम नहीं है। जिसमें प्रभारी से लेकर जिले के पदाधिकारी तक की मिलीभगत है।

गर्भवती महिलाओं को मिलता है आहार

मालूम हो कि आंगनवाड़ी केंद्रों पर प्रतिरक्षण कार्य किया जाता है। जहां गर्भवती महिलाओं के रजिस्ट्रेशन, कैल्सियम आयरन की गोली और प्रतिरक्षण किया जाता है। जिसके बाद आंगनवाड़ी केंदों से गर्भवती माता को पौष्टिक आहार मिलता है। प्रतिरक्षण और रजिस्ट्रेशन नहीं होने से ये  पौष्टिक आहार नहीं मिल रहे।

 

 

 

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