स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी Rims 2 बनाने में मस्त….इधर राज्य भर के कर्मचारी 6 महीने से वेतन को तरस रहे.. कर्मियों में रोष

Jharkhand Health News: स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी इन दिनों स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार करने के लिए तरह तरह के दावे कर रहे हैं… Rims 2 बनाने की जी तोड़ जुगत में लगे हैं परंतु दुर्भाग्य ये है कि राज्य भर के महिला कर्मी समेत पदाधिकारी भूखे रहने की विवश हैं। मामला मार्च से वेतन से नहीं मिलने से जुड़ा है।

क्यों भूखे है कर्मी

राज्य भर में स्वास्थ्य कर्मी शीर्ष 2211 (वर्तमान में शीर्ष 2210 इन्फ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस) अंतर्गत कार्यरत हैं जिसमें ANM, स्वास्थ्य कर्मी, चिकित्सा पदाधिकारी, लिपिक समेत कई कर्मी कार्यरत है। इन कर्मियों की संख्या काफी आधिक है इसके वावजूद इन कर्मियों का आवंटन जारी नही किया गया है ,जिसकी वजह से ये कर्मी वेतन के लिए लालायित है।स्थिति ये है आर्थिक तंगहाली से गुजर रहे इन कर्मियों के पास भूखे रहना विवशता हो गई है।

समय से वेतन देना विभाग की जवाबदेही है, यदि समय से वेतन ने मिले तो कर्मियों में रोष स्वाभाविक है।पिछले 6 महीने से वेतन न मिलने से आर्थिक संकट से कर्मी और पदाधिकारी गुजर रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई छूट रही तो कहीं बूढ़े मां बाप की दवा नहीं खरीद पा रहे… प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह

तंगहाली का जिम्मेदार कौन

वित्तीय वर्ष 2025- 26 शुरू होने के मार्च महीने में ही विभाग आवंटन जारी करता है तभी कर्मियों को वेतनादि का भुगतान किया जाता है। परंतु शीर्ष 2211 में कार्यरत कर्मियों को पिछले कई वर्ष से वेतन भुगतान में समस्या आ रही है। कई वर्षों तक  इन कर्मियों का भुगतान NHM के फंड से दिया गया  परंतु कर्मियों की GPF/CPF की राशि जमा नहीं की गई।जिसके बाद  एसोसिएशन की मांग पर इन कर्मियों का भुगतान शीर्ष 2210 इन्फ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस से की जाने लगी। वर्तमान समय में इन कर्मियों को वेतन के लाले पड़े हुए है।

क्यों आई ये नौबत

सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवंटन जारी करने की फाइल स्वास्थ्य मंत्री के पास अनुमोदन के लिए गई हुई है। परंतु मंत्री जी की स्वीकृति के प्रत्याशा में अबतक आवंटन आदेश जारी नहीं हो सका है। सूत्र बताते है संचिका आवंटन जारी के अंतिम अनुमोदन के लिए स्वास्थ्य मंत्री के पास भेजी गई थी परंतु  मंत्री जी ने कारण पृच्छा के साथ संचिका विभाग को वापस कर दी गई।जिसका जवाब के साथ फिर से भेजी गई है।

जानकारी ये भी मिल रही है कि मंत्री जी कभी शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म, बिहार दौरा, विधानसभा सत्र, Rims 2 के कार्य में व्यस्त हैं। परंतु इन सब के बीच स्वास्थ्य कर्मियों का क्या दोष? जिनके बच्चे और परिवार आर्थिक तंगहाली से गुजर रहे है।

कर्मचारियों में रोष

पिछले 6 महीने से वेतन की आस में अब कर्मियों का धैर्य जवाब दे रहा है। कर्मियों का कहना है कि देवघर  श्रावणी मेला में जब स्वास्थ्य मंत्री ने वेतन के मुद्दे पर घेरा तो बोनस देने की बात करने लगे.. परंतु बोनस तो छोड़िए वेतन के लाले पड़े हुए हैं। त्योहारी सीजन शुरू होने हे साथ ही सब्र का बांध टूट चुका है, जल्द ही कर्मी कड़ा कदम उठाने को विवश होंगे।

क्या कहते हैं कर्मचारी संगठन ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारी

स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन (AJPMA)  के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा है इस राज्य का दुर्भाग्य है कि अपने जान की बाजी लगाकर स्वास्थ्य कर्मी दुर्गम क्षेत्र में भी अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य लाभ पहुंचा रहे हैं परंतु कर्मियों को वेतन के लिए तरसना पड़ रहा है। 6 महीने से वेतन न मिलने से बच्चो की पढ़ाई, बूढ़े मां – बाप की सेवा, समय से स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने में कितना परेशानी उठानी पड़ रही होगी इसका अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है?

त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ वेतन आवंटन जल्द से जल्द जारी करने की मांग के साथ कहा कि इसकी नियमित व्यवस्था हो। एसोसिएशन द्वारा विभाग का ध्यान आकृष्ट कराने के बाद संचिका में गतिविधि शुरू हुई अब जाकर फिर से पेंच फंस गई।  AJPMA एसोसिएशन के पदाधिकारी बहुत जल्द वेतन जारी करने की मांग पर अपर मुख्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर इस समस्या का समाधान कराएगा।

 

 

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