रांची। झारखंड में शिक्षकों की बंपर नियुक्ति जल्द शुरू होने वाली है। सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के बाद अब जल्द ही राज्य सरकार सरकारी अस्पतालों की भी सेहत सुधारने जा रही है। एक अखबार के कार्यक्रम में पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों की कमी दूर करने 1900 नए पदों पर भर्तियां निकाली जायेगी। जल्द ही इस इसकी अधिसूचना जारी हो जायेगी। पहली बार अस्पतालों में हास्पिटल मैनेजर एवं अन्य पदों पर नियुक्ति होगी। वहीं, वैसे पद सरेंडर होंगे जो अब अप्रासंगिक हो चुके हैं। नियुक्ति में बीएसएफ, अद्धैसैनिक एवं सेना के सेवानिवृत्त जवानों एवं कर्मियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

अस्पतालों में डाक्टरों व स्टाफ नर्स की गैरमौजूदगी के सवाल पर मंत्री ने कहा कि डाक्टर सुदूर इलाके में इसलिए नहीं जाना चाहते, क्योंकि वहां रहने की व्यवस्था नहीं होती। ऐसे में जिन जिलों में 100 बेड के अस्पताल खोले जाएंगे, अब डाक्टर व नर्स के रहने की भी व्यवस्था होगी। वहीं, चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए सभी उपायुक्तों को डीएमएफटी फंड से अनुबंध पर डाक्टरों की भर्ती का निर्देश दिया गया है।

बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की बहाली के बाद झारखंड के अस्पतालों की स्थिति में काफी सुधार आएगा। मंत्री ने कहा कि निजी मेडिकल कालेजों की 50 प्रतिशत सीटों पर होनेवाले नामांकन में छात्रों को उतना ही शुल्क देना होगा जितना शुल्क सरकारी मेडिकल कालेजों में लगता है। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। इससे छात्रों को प्रत्येक साल 14-15 हजार रुपये ही देने होंगे, जबकि निजी मेडिकल कालेज शत-प्रतिशत सीटों पर 15 से 20 लाख रुपये सालाना वसूलते थे। उन्होंने कहा कि कैपिटेशन फीस भी कम करने पर विचार किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने जहां आवश्यकता नहीं थी, वहां भी अस्पतालों के भवन बना दिए थे। जंगलों में भी भवन बने। कमीशन के लिए मशीन-उपकरण खरीद लिए गए लेकिन मानव संसाधन की नियुक्ति नहीं होने से वे बेकार साबित हुए। हेमंत सोरेन सरकार इस तरह का झूठा इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने की बजाय जो उपलब्ध है उन्हें ही समृद्ध करने का काम करेगी ताकि उसका लाभ मरीजों को मिल सके।

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